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स्किल इंडिया
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
आईआईटी, आईआईएम, कॉलेजों और स्कूलों की लैब में अब खाली समय में ‘स्किल हब’ के रूप में वोकेशनल कोर्स की कक्षाएं चलेंगी। स्किल इंडिया के तहत स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों की लैब, शिक्षकों समेत अन्य संसाधनों का प्रयोग खाली समय में छात्रों को हुनरमंद बनाने में किया जाएगा। इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनसीवीईटी) ने 720 कोर्स की पढ़ाई व ट्रेनिंग की मंजूरी भी दे दी है। खास बात है कि अपने संसाधनों का प्रयोग करने देने के बदले स्किल इंडिया इन शिक्षण संस्थानों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना -4 के तहत बाकायदा पैसा भी देगी।
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय देश के सभी शिक्षण संस्थानों के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-4 में इस योजना को लेकर आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय को स्कूली और उच्च शिक्षा के दौरान छात्रों को किताबी पढ़ाई के साथ उनके मनपसंद क्षेत्रों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से हुनरमंद बनाने को निर्देश दिया है। इसी के तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 से देश के सभी शिक्षण संस्थानों की लैब और संसाधनों का प्रयोग खाली समय में वोकेशनल कोर्स में किया जाएगा।
इससे छात्रों को स्कूली शिक्षा से ही वोकेशनल कोर्स के माध्यम से अपनी स्किल को री-स्किल और अपस्किल करने का मौका मिलेगा। इसलिए यदि किसी कारण से कोई छात्र 10वीं या 12वीं कक्षा के बाद बीच में पढ़ाई छोड़ता भी है तो वोकेशनल कोर्स से हुनरमंद होने के कारण वह अपना कामधंधा या रोजगार से आसानी से जुड़ सकेगा।
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