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फर्रुखाबाद। विरोधियों को लूट के मुकदमे में फंसाने के लिए महिला के डॉक्टर ने फर्जी चोटें होने की रिपोर्ट बना दी थी। कोर्ट के आदेश पर दर्ज प्रकीर्ण वाद में एंटी डकैती न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने वादी को ढाई व डॉक्टर को दो माह की सजा सुनाई। दोनों को पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश दिए हैं।
कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव सलेमपुर ढूढेंमई निवासी शंकुतला देवी ने एंटी डकैती कोर्ट में विरोधियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें बताया कि उसका पट्टे की जमीन पर मकान व झोपड़ी है। विरोधियों ने 14 फरवरी को घर में हमला कर मारपीट की। तीस हजार की नकदी व जेवर लूट ले गए। 16 फरवरी को कायमगंज सीएचसी में तैनात डॉ. कीर्ति कनौजिया ने शकुंतला देवी के चोट लगने की रिपोर्ट बनाई थी। कोर्ट में चोटों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। न्यायाधीश ने पीड़िता को चोटों के निशान दिखाने के लिए कहा तो पीड़िता ने बताया कि निशान गायब हो गए हैं। चोट लगने पर काले निशान चार दिन से एक सप्ताह के बीच ही गायब होते हैं।
कोर्ट ने सीएमओ को तीन डॉक्टरों के पैनल से शकुंतला का मेडिकल करने के आदेश दिए। पैनल से मेडिकल में चार दिन में निशान गायब नहीं होने की बात कही गई। डॉ. कीर्ति कनौजिया बचाव में सही दलील नहीं दे पाईं। कोर्ट के आदेश पर दोनों के खिलाफ प्रर्कीर्ण वाद दर्ज किया गया। 13 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी। पूरे मामले में सुनवाई के बाद निष्कर्ष निकला कि शकुंतला देवी को लाभ पहुंचाने के लिए डॉक्टर ने फर्जी चोटों की रिपोर्ट तैयार कर दी थी।
बुधवार को कोर्ट ने गवाह, साक्ष्य के आधार पर मुकदमे की वादी शकुंतला देवी को ढाई व जनपद लखनऊ बसंतकुंज 124 सेक्टर निवासी डॉ. कीर्ति कनौजिया को दो माह की सजा सुनाई। दोनों को पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश दिए। जुर्माना नहीं देने पर दोनों को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भोगने के आदेश दिए हैं।
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