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फर्रुखाबाद। शराब के लिए रुपये नहीं देने पर 16 वर्ष पहले सब्जी विक्रेता की हत्या में दो दोषियों को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी महेंद्र सिंह ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों को 45 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने के आदेश दिए हैं।

शमसाबाद थाना क्षेत्र के गांव उलियापुर निवासी नेकराम बाथम उर्फ वीरे 7 जनवरी 2007 की शाम को सब्जी बेचने के लिए मई रशीदपुर गांव गया था। नेकराम रात को बाजार से वापस नहीं आया। भाई मौजीलाल उसको खोजने के लिए निकला। गांव के गिरीश गंगवार के खेत में नेकराम का शव पड़ा मिला। मौजीलाल ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

विवेचक ने जांच के बाद कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव हादीदादपुर निवासी घुड़कू व खैरा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घुड़कू की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त तमंचा बरामद कर लिया था। विवेचना में सामने आया कि नेकराम सब्जी बेचकर वापस आ रहा था। उसी दौरान घुड़कू ने शराब पीने के लिए रुपये मांगे। नेकराम के इन्कार करने पर दोनों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। विवेचक ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने 13 अक्तूबर को गवाह व साक्ष्य के आधार पर दोनों को दोषी करार किया था।

बुधवार को न्यायाधीश ने घुड़कू व खैरा को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों पर 45 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड नहीं जमा करने पर दोनों दोषियों को दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगने के आदेश दिए। अभियोजन पक्ष की ओर से अशोक कटियार व अनुज प्रताप सिंह ने दलीलें दीं। सजा सुनते ही परिजन आरोपियों से लिपट कर रोते-बिलखते रहे।

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