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फर्रुखाबाद। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत जनपद की 27 ग्राम पंचायतों में कूड़ा उठाने के लिए 36 ई-रिक्शे खरीदे गए। मनमानी खरीद के चलते 34.20 लाख का गबन कर लिया गया। जैम पोर्टल पर इसकी कीमत कम पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने प्रधान व सचिव से वसूली करने के आदेश दिए हैं।

सरकार गांवों में स्वच्छता पर काफी धन खर्च कर रही है। गांवों में कूड़ा उठाने के लिए ई-रिक्शा खरीदने के आदेश थे। प्रधान व सचिवों ने शासनादेश को दरकिनार कर जैम पोर्टल से ई-रिक्शा नहीं खरीदे। टेंडर व कोटेशन के माध्यम से खरीद कर एक ई-रिक्शा पर 65 हजार से लेकर एक लाख पांच हजार रुपये तक अधिक भुगतान कर दिया गया।

इसमें ब्लॉक नवाबगंज की ग्राम पंचायत कुरार, पिलखना में एक-एक, बढ़पुर की ग्राम पंचायत कुटरा, ढिलावल, याकूतगंज, पपियापुर में दो-दो ई-रिक्शे खरीदे गए। शमसाबाद की ग्राम पंचायत कुआंखेड़ा वजीर आलम में दो, चिलसरा में एक, कमालगंज की ग्राम पंचायत भड़ौसा, जरारी, राजेपुर सरायमेदा में एक-एक ई-रिक्शा खरीदा गया। पतौंजा में दो, रामपुर मांझगांव में तीन, राजेपुर की ग्राम पंचायत अमृतपुर में एक व पिथनापुर में दो, कायमगंज की ग्राम पंचायत चिलौली, मऊरशीदाबाद, अताईपुर जदीद, बहवलपुर, नरैनामऊ, रायपुर खास, कटिया में एक-एक व मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत सिरौली, नीबकरोरी, पखना, बराकेशव, पिपरगांव में एक-एक ई-रिक्शा खरीदे गए। खरीदारी टेंडर व कोटेशन के माध्यम से महंगी दर पर खरीदा गया।

जैम पोर्टल व इंडिया मार्ट वेबसाइट पर ई-रिक्शा के रेट में काफी अंतर था। इस पर जिलाधिकारी संजय कुमार ने प्रधानों व सचिवों को नोटिस जारी किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने प्रधानों व सचिवों को वसूली नोटिस जारी किए। दोनों को आधी-आधी बराबर धनराशि 15 दिन में स्वच्छ भारत मिशन के खाते में जमा न करने पर राजस्व की तरह वसूली करने के आदेश दिए हैं।

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