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फर्रुखाबाद। सुहागिन को विधवा पेंशन दिलाने वाले जिम्मेदारों की गर्दन फंस गई है। जांच में विधवा पेंशन लेने वाली दोनों महिलाओं के पति जीवित मिले। डीडीओ ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर अवगत कराने के आदेश दिए हैं।

बढ़पुर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढि़या ढिलावल निवासी घनश्याम ने सात अक्तूबर को तहसील सदर में हुए संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की थी। इसमें कहा कि गांव की रामकुमारी पत्नी जगदीश व मीरा देवी पत्नी हेतराम अपने जीवित पतियों को मृत दिखाकर वर्ष 2020 से विधवा पेंशन ले रही हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चंद्र ने मामले की जांच की तो दोनों महिलाओं के पति जीवित मिले।

प्रधान रजनेश ने भी गांव के जगदीश व हेतराम के जीवित होना प्रमाणित किया। डीपीओ ने एसडीएम सदर को सौंपी जांच रिपोर्ट में कहा कि रामकुमारी व मीरा देवी निराश्रित महिला पेंशन ले रहीं हैं। जांच में दोनों अपात्र हैं। लाभार्थियों का प्रतिवर्ष सत्यापन भी कराया जाता है, इसके बावजूद सचिवों ने इस संबंध में अवगत नहीं कराया गया। कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट डीडीओ को भेजी गई है।

अब सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणपत्र किस आधार पर जारी किया गया। इसके बाद तीन वर्ष से लगातार सत्यापन भी हो रहा, लेकिन लाभार्थियों के पति किसी सचिव को जीवित नहीं दिखाई दिए। बीडीओ भी अपनी रिपोर्ट लगाकर सुहागिनों को विधवा पेंशन का लाभ पहुंचाते रहे।

जिला विकास अधिकारी योगेंद्र कुमार पाठक ने बताया कि उन्होंने डीपीओ को पत्र जारी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने कर अवगत कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों मामले गंभीर हैं। इसमें दोषी सचिव, समाज कल्याण विभाग के जिम्मेदार व बीडीओ को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। इसके बाद कार्रवाई भी तय की जाएगी।

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