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फर्रुखाबाद। डॉ. राममनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल की इमरजेंसी में कर्मचारी डेंगू पॉजिटिव मासूम को वीगो नहीं लगा सके। मासूम की मां और नाना निजी अस्पताल में वीगो लगवाकर लाए, तब कहीं भर्ती किया जा सका। पीडियाट्रिक वार्ड में बेड न होने पर मां अपने मासूम को लेकर दो घंटे तक बेंच पर बैठी रही। परेशान परिजनों ने डीएम को फोन कर दिया। इस पर लगी फटकार के बाद पहुंचे बालरोग विशेषज्ञ ने उसे बेड दिलवाया। कुछ देर इलाज के बाद तुरंत हालत गंभीर बताकर रेफर कर दिया गया।

कादरीगेट थाने के गांव सोता बहादुरपुर निवासी सलमान के नौ माह के पुत्र फरमान को कुछ दिन से बुखार आ रहा था। बुधवार सुबह बच्चे को निजी अस्पताल में दिखाया। वहां जांच कराने पर किट से डेंगू पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। परेशान परिजन दोपहर दो बजे बच्चे को लेकर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। वहां ईएमओ डॉ. कृष्ण कुमार ने बच्चे को भर्ती करने के बाद कर्मियों से वीगो लगाने की बात कही।

कर्मचारी काफी देर तक वीगो लगाने का प्रयास करते रहे, मगर सफलता नहीं मिली। इसके बाद इमरजेंसी से एक वीगो देकर निजी अस्पताल में लगवाने की बात कह दी गई। मासूम फरमान को नाना कुतबुद्दीन और मां शाहिदा एक निजी अस्पताल ले गई। वहां वीगो लगाकर लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड पहुंचे। वहां तैनात स्टाफ ने बेड फुल होने की बात कह दी।

शाहिदा अपने मासूम को दो घंटे तक इमरजेंसी के बाहर बेंच पर गोद में लिए बैठी रही। इसके बाद पिता सलमान ने सीएमएस को फोन मिलाया। फोन न मिलने पर उसने डीएम को सभी हालात से अवगत कराया।

डीएम की फटकार लगते ही बालरोग विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र चौहान पहुंचे। उन्होंने बच्चे को देखा। पीकू वार्ड में भर्ती बच्चों में से दो को आइसोलेशन वार्ड में भेजा। करीब दो घंटे बाद मासूम को बेड नसीब हो सका। हालांकि डॉ. हरेंद्र ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे कुछ देर में ही रेफर कर दिया।

स्टाफ ही कम्र कैसे करूं मासूमों का इलाज

पीकू वार्ड में तैनात कर्मचारी स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। एक स्टाफ नर्स ने बताया कि पीडियाट्रिक वार्ड, पीकू वार्ड फुल हैं। स्टाफ एक वार्ड जितना है। अब दो वार्ड और कुछ बच्चे आइसोलेशन में भी भर्ती हो रहे हैं। इनको कैसे देखा जाए समझ नहीं आ रहा है। डॉक्टर भर्ती करने के बाद बच्चों की हालत में सुधार के बाद भी छुट्टी नहीं कर रहे।

-बच्चे को देर से बेड मिलने की जानकारी जैसे ही मिली, तुरंत डॉक्टर भेजकर व्यवस्था करवा दी गई थी। निजी अस्पताल से वीगो लगाने की बात नहीं बताई गई। यदि ऐसा है, तो मामले की जांच कराएंगे।

-डॉ. राजकुमार गुप्त, सीएमएस लोहिया पुरुष अस्पताल।

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