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पूरनपुर के गांव कढेरचौरा में लगा स्वास्थ्य शिविर । स्रोत– ग्रामीण
पीलीभीत। बीसलपुर के मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी दंत चिकित्सक डॉ. जितेंद्र कुमार (72) की रविवार को डेंगू से सीतापुर में मौत हो गई। वहीं पूरनपुर के गांव कढेरचौरा में स्वास्थ्य विभाग के लगाए शिविर में 35 बुखार पीडि़तों की जांच की गई। इनमें दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। गांव जादौपुर गहलुइया में भी स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। कढेरचौरा में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
बीसलपुर। मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी डॉ. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उनके अनुज जितेंद्र कुमार का दुबे चौकी रोड पर दंत चिकित्सालय था। वह एक सप्ताह पूर्व डेंगू की चपेट में आ गए थे। स्थानीय स्तर पर उपचार कराने पर जब उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ तो वह शनिवार को उच्च स्तरीय इलाज कराने के लिए सीतापुर चले गए थे। वहां उपचार के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई।
उधर, डेंगू की चपेट में आई मोहल्ला दुबे निवासी रामश्री पत्नी राजेंद्र कुमार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी मोहल्ले के जितेंद्र की पत्नी रेखा, राजेश की पत्नी रामबेटी, विक्की, राजेंद्र जोशी की पत्नी किरन, कुंवरसेन की पुत्री पलक, सुनील की पुत्री छवि, रामसनेही भोजवाल और उनका पुत्र सुनील भोजवाल डेंगू की चपेट मेंं हैं। इन्हें नगर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस बाबत पूछने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. लेखराज गंगवार ने दंत चिकित्सक की मौत के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि मंगलवार को टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
पूरनपुर। सप्ताह भर पहले गांव में लगाए गए शिविर मेंं 18 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। दो दिन पहले हुई जांच में सात लोग डेंगू की चपेट में पाए गए। गांव वालों ने बुखार से निजात की कामना को रविवार को हवन-पूजन भी कराया। गांव के अधिकांश लोगों ने हवन में आहुतियां दीं। सोमवार को गांव में फिर से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाया।
चीफ फार्मासिस्ट सुशांत हलधर की देखरेख में लगे शिविर में 35 बुखार पीड़ितों की डेंगू की जांच की गई। चीफ फार्मासिस्ट ने बताया कि दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा गांव जादौपुर गहलुइया में बुखार के मरीज अधिक होने पर शिविर लगाया गया। वहां लोग सामान्य बुखार से पीड़ित मिले।
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