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Elephants again came out of the forest and trampled the crops

हा​थियो ने खाई और रौधी गन्ना की फसल । स्रोत – किसान

पूरनपुर। सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र में हाथियों ने सोमवार रात को भी जंगल से निकलकर दो गांवों के चार किसानों के खेत में घुसकर धान और गन्ने की फसल रौंद दी। हाथियों की खेतों में आवाजाही न रुकने और उनके उग्र होने को लेकर क्षेत्र के लोग दहशत मेें हैं। जंंगल किनारे के लोगों को रातें जाग कर गुजारनी पड़ रहीं हैं। विभाग के पास हाथियों को खेतों में आने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं हैं।

कई साल से क्षेत्र में नेपाल से हाथी आते हैं, लेकिन हर बार दो चार दिन रुककर वापस चले जाते थे। इस बार 22 दिन पहले क्षेत्र में आए हाथी यहां से जाने के नाम नहीं ले रहे। नियमित शाम को जंगल से निकलकर खेतों में पहुंचकर फसलों को खा और उजाड़ रहे है।

सोमवार रात भी हाथियों ने जंगल से निकलकर गांव पिपरा निवासी जयपाल, सुल्तानपुर निवासी दाताराम, भगवानदास, चांद सरोज के धान और गन्ने के खेतों में घुसकर फसलें खाईं और रौंदी। इसकी जानकारी किसानों को मंगलवार को खेतों में पहुंचने पर हुई।

हाथियों की आवाजाही न रुकने से किसान दहशत में है। साथ ही हाथियों को जंगल के अंदर न रोकने के इंतजाम न होने से उनमें रोष है। गांव नवदिया दुर्जनपुर के पूर्व प्रधान बल्देव सिंह ने बताया कि अब तक कई एकड़ गन्ने और धान की फसल हाथी उजाड़ चुके हैं।

पटाखे दागने से भी वह नहीं भागते। हाथियों की आहट पर रात को कई बार पीपा बजाकर शोर करना पड़ता है। इसी गांव के रमन कहते है कि जंगल किनारे खुले में फार्म होने से कब हाथी फार्म में घुस आएं डर लगा रहता है। पूरी रात जाग कर काटनी पड़ती है। संवाद

हाथियो ने खाई और रौधी गन्ना की फसल । स्रोत - किसान

हाथियो ने खाई और रौधी गन्ना की फसल । स्रोत – किसान

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