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फर्रुखाबाद। जनपद में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से संचालित मदरसा व काॅलेजों के छात्रों का बायोमीट्रिक सत्यापन किया गया। इसमें 1879 छात्र गायब हो गए। 7734 छात्रों के सत्यापन में 3506 ही छात्रवृत्ति के पात्र पाए गए। इनका डाटा विभाग से भेज दिया गया है।
मदरसों में छात्रवृत्ति घोटाले का वर्षों से खेल चलता आ रहा है। जिले में करोड़ाें का खेल पकड़े जाने पर मदरसा संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। इस वर्ष शासन से 2022-23 की छात्रवृत्ति भेजने से पहले प्री-मैट्रिक(कक्षा 9 व 10) व पोस्ट मैट्रिक (कक्षा 11-12 आदि) छात्रों का बायोमीट्रिक सत्यापन कराया गया।
जनपद में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से संचालित कुल 78 शैक्षणिक संस्थाओं में सत्यापन से पूर्व 7734 छात्र पंजीकृत थे। इनमें 60 मदरसा, दो डिग्री कॉलेज व 16 इंटर काॅलेज शामिल हैं। लखनऊ मुख्यालय से भेजी गई गूगल शीट के आधार पर छात्रों का बायोमीट्रिक सत्यापन किया गया है। इसमें 1879 छात्र लापता हो गए।
इन छात्रों का फर्जी पंजीकरण या स्कूल छोड़ जाने की आशंका है। सत्यापन में कुल 3506 छात्रों का ही बायोमीट्रिक मिलान हो सका। इसके अलावा 2349 छात्रों का आधार नंबर, नाम, पिता का नाम, स्पेलिंग आदि का सही मिलान न हो पाने से यह छात्र भी छात्रवृत्ति से वंचित हो गए। शासन से मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए 3506 छात्र ही पात्र पाए गए।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि बायोमीट्रिक सत्यापन में सही पाए गए 3506 छात्रों का डाटा छात्रवृत्ति के लिए लखनऊ मुख्यालय भेज दिया गया है। डाटा मिसमैच होने से 2349 छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि बायोमीट्रिक सत्यापन से छात्रवृत्ति में होने वाले फर्जीवाड़े पर पूरी तरह लगाम लग गई है।
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