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Entire Ayodhya cried on Ram's departure to the forest, spectators became emotional

बीसलपुर के गांव नूरानपुर के रामलीला मेले में राजतिलक लीला का किया गया मचंन । स्रोत – मेला कमेटी

पीलीभीत। परमठ मंदिर में चल रहे रामलीला महोत्सव में रविवार को राम वनगमन, गंगा पार लीला का मंचन हुआ। संन्यासियों जैसे कपड़े पहने हुए नंगे पैर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को चलता देख लोगों की आंखों में आंसू भर आए।

राजा दशरथ के दरबार में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारियां जोरों पर चल रहीं थीं। दासी मंथरा के समझाने पर कैकेई ने राजा दशरथ को दो वरदान याद दिलाते हुए भरत का राज तिलक व भगवान राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा। रानी के वचन सुनते ही राजा के पैरों तले की जमीन खिसक गई।

अचानक भगवान राम के राज्याभिषेक की खुशियां गम में बदल गई। इसके बाद परमठ मंदिर से संन्यासियों के वेशभूषा में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण वन को निकले। भगवान के कोमल पैरों में चोट न लग जाए इसके लिए उन्हें फूलों को बिछाकर गुजारा गया। भगवान पत्नी और छोटे भाई के साथ गलियों से होकर गुजरे तो पुरुष, महिलाएं और बच्चे अपने आंसू नहीं रोक पाए।

घन्नई तालाब (एकता सरोवर) पर केवट संवाद लीला का मंचन हुआ। केवट ने भगवान राम के पैरों को धुलने के बाद अपनी नाव में बैठाया और गंगा पार कराई। गंगा पार लीला का मंचन देखने के लिए तालाब के चारों ओर दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी रही। इसके पश्चात भगवान राम पैदल चलते हुए चित्रकूट विश्राम स्थल पहुंचे। यहीं पर लीला का विश्राम हो गया।

सोमवार से लीला का मंचन रामलीला मैदान पर होगा। इस मौके पर महंत ओमकार नाथ, सुनील मिश्रा, केशव सक्सेना, भानु प्रताप सिंह, अमरीश शर्मा, रमाकान्त पाण्डेय, प्रेम सिंह, अमिताभ त्रिपाठी, नरेश शुक्ला, विश्वास सक्सेना, शैलेंद्र नाथ मिश्रा, निरंजन शर्मा, अमित जौहरी, संजीव शर्मा, संजीव मिश्रा, अवनीश शर्मा, संजय पांडेय आदि मौजूद रहे।

श्री रामलीला : धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर लीला का हुआ मचंन

बीसलपुर। रामलीला मेले में रविवार को धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर लीला का मंचन हुआ।

लीला में दर्शाया जाता है कि राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए दरबार में स्वयंवर आयोजित करते हैं, जिसमें भाग लेने दुनिया के कई राजा-महाराजा आते हैं। राजा जनक घोषणा करते हैं कि उनके दरबार में रखे शिवजी के धनुष को जो तोड़ देगा, उसी के साथ सीता का विवाह होगा। राजा-महाराजाओं की हार से राजा जनक हताश हो जाते हैं। वह कहते हैं कि लगता है कि यह धरती वीरों से खाली हो गई है। ऋषी विश्वामित्र के इशारे पर श्रीराम धनुष को तोड़ देते हैं। माता सीता भगवान श्रीराम के गले में वरमाला डाल देती हैं। यहीं पर लीला का समापन हो जाता है। लीला का संचालन मेला कमेटी के लीला प्रबंधक गोपाल कृष्ण अग्रवाल और मनोज त्रिपाठी ने किया।

इधर, गांव न्यूरानपुर में रविवार को राजगद्दी शोभायात्रा निकाली गई। मेला मैदान से शुरू हुई शोभायात्रा में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, शत्रुघन, हनुमान के स्वरूप सजाए गए थे। बैंड बाजों के साथ निकाली गई शोभायात्रा न्यूरानपुर के अलावा आसपास के गावों में होकर निकाली गई। यात्रा का नेतृत्व योगी शांतिनाथ ने किया। संवाद

बीसलपुर के गांव नूरानपुर के रामलीला मेले में राजतिलक लीला का किया गया मचंन । स्रोत - मेला कमेटी

बीसलपुर के गांव नूरानपुर के रामलीला मेले में राजतिलक लीला का किया गया मचंन । स्रोत – मेला कमेटी

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