[ad_1]

फर्रुखाबाद। वृद्धा के कुंडल लूटने व हत्या करने मेें दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने 13 हजार में गिरवी रखे कुंडल सराफा के यहां से बरामद कर लिए। एक वर्ष पुराने हत्याकांड का खुलासा होने पर एसपी ने टीम को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव कुम्हरौर निवासी रामश्री 5 नवंबर 2022 को खेत में बकरी चराने गई थीं और वापस नहीं आईं। पुत्र भूरे ने छह नवंबर को मां के लापता होने के संबंध में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 7 नवंबर 2022 को कोला सोता नाले में रामश्री का शव उतराता मिला था। उसके गले में अंगौंछा कसा हुआ था। कानों के कुंडल भी गायब थे। पोस्टमार्टम में रामश्री की गला कसकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी। पुत्र भूरे की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।

मुकदमे की जांच कर रहे तत्कालीन एसओ संत प्रकाश पटेल ने प्रकाश में आए गांव के निवासी संजय उर्फ संजू को पकड़कर कई बार पूछताछ कर छोड़ दिया था। एसपी विकास कुमार ने रविवार को पुलिस लाइन के सभागार में बताया कि घटना के दिन मोबाइल टॉवर डंप योजना के तहत सर्विलांस टीम ने काम किया। इसमें कई तथ्य उजागर हुए।

एसओजी प्रभारी अमित गंगवार व एसओ अमृतपुर मीनेश पचौरी ने गांव के विनोद को पकड़ लिया। पूछताछ में विनोद ने संजय उर्फ संजू के साथ मिलकर रामश्री की हत्या करने व कुंडल लूटने की बात कबूल कर दी। एसओजी ने गैर राज्य में दबिश देकर संजय उर्फ संजू को दबोच लिया। संजय उर्फ संजू ने बताया कि वह व विनोद शराब व गांजा पीने के आदी हैं। घटना के दिन रामश्री के कानों में कुंडल देखकर लूट की साजिश बनाई थी।

रामश्री के पीछे से अंगौछा डालकर आंखें बंद कर दी और कुंडल उतार रहे थे। उसी दौरान अंगौछा नीचे सरक गया। रामश्री ने संजय उर्फ संजू व विनोद को पहचान लिया। इस पर दोनों ने रामश्री की अंगौछे से गला कसकर हत्या कर दी। शव पास में सोता नाले में अंगौछा सहित जलकुंभी के अंदर दबा दिया। पकड़े गए दोनों हत्यारोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इस दौरान सीओ अमृतपुर रवींद्र नाथ राय, प्रतिसार निरीक्षक अविचल पांडेय मौजूद रहे।

हत्या के मुकदमे से बचने के लिए बेचा था खेत

संजय ने रामश्री की हत्या के मुकदमे में आरोपी बनाए जाने से बचने के लिए खेत बेच दिया था। अमृतपुर गांव के एक वैश्य समाज के एक नेता ने मुकदमे से संजय का नाम निकलवाने के एवज में साढ़े तीन लाख रुपये ले लिए थे। इसकी जानकारी होने पर सीओ अमृतपुर रवीेंद्र नाथ राय ने वैश्य नेता से संजय के रुपये वापस दिलवा दिए थे।

[ad_2]

Source link