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मंदिरों में सुबह भगवती के दरबार के पट खोले, मां का अभिषेक एवं शृंगार किया

श्रद्धालुओं ने की भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना

अमर उजाला ब्यूरो

नई दिल्ली। नवरात्र महोत्सव रविवार को जय माता दी और जय अंबे के उदघोष के साथ शुरू हो गया। मंदिरों में सुबह भगवती के दरबार के पट खोले गए। इसके बाद मां का अभिषेक एवं शृंगार किया। यह प्रक्रिया पूरी होने पर भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने का सिलसिला शुरू हुआ। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने घरों में भी घटस्थापना की। भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पूजा करने पहुंचे।

छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में विशेष आरती एवं ध्वजारोहण के साथ नवरात्र महोत्सव शुरू हुआ। मंदिर समिति के प्रवक्ता नंदकिशोर सेठी ने बताया कि पहले दिन भक्ति संगीत, रामायण पाठ, वीणा वादन का आयोजन हुआ। पहला नवरात्र होने के कारण मंदिर में सुबह ही मां की आराधना करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग गई थी। वहीं बद्री भगत झंडेवालान देवी मंदिर में मां भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का शृंगार व पूजा अर्चना पूर्ण विधि विधान के साथ की गई। मंदिर समिति के प्रवक्ता एनके सेठी के अनुसार, मंदिर में अपार संख्या में भक्त पूजा अर्चना करने के लिए आए और भगवती के गुणगान के दौरान स्वयं को झूमने से नहीं रोक सके।

कालकाजी मंदिर में भी नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ भगवती काली की विशेष पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत की अगुवाई में राष्ट्र कल्याण व सुख शांति, समृद्धि के लिए सहस्रचंडी महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। प्रीत विहार स्थित गुफा वाले मंदिर में भी नवरात्र महोत्सव धूमधाम के साथ शुरू हुआ। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां की आराधना की। महरौली स्थित योग माया मंदिर, हरी नगर में संतोषी माता मंदिर, बाहरी रिंग स्थित काली मां मंदिर में नवरात्र महोत्सव आरंभ हुआ। आसोला (फतेहपुर बेरी) स्थित शनिधाम में सैकड़ों दंपतियों ने एक साथ बैठकर पूजा-अर्चना की। शनिधाम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमहंस निजस्वरूपानंदपुरी महाराज की अगुवाई में उन्होंने नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की और मंत्र जाप किया। दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने घरों में भगवती की पूजा अर्चना की और बहुत से श्रद्धालुओं ने घर में अखंड ज्योत जलाई।

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