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पीलीभीत। शहर में अवैध रूप से विकसित होने वाली 19 अवैध कॉलोनियों को पूर्व में सिटी मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी किए थे। आधी अधूरी पत्रावलियां जब डीएम के पास पहुंचीं तो मात्र नौ कॉलोनियों का ही हवाला दिया गया। डीएम ने जब साक्ष्य संबंधी अन्य कागजात मांगे तो सीएम का कार्यक्रम निपटने का हवाला देकर मामला टाल दिया गया। इससे अवैध कॉलोनी बनाने वालों को अभयदान मिलता प्रतीत हो रहा है।

पिछले माह सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से 19 अवैध कॉलोनी बनाने वालों को नोटिस जारी किए गए थे। इसमें तय समय तक संबंधित लोगों ने जवाब नहीं दिए। इसके बाद जिम्मेदार अधिकारी दूसरा नोटिस जारी करना ही भूल गए। बचाव में बताया कि कई लोगों ने मामला अपील में डाला हुआ है। वहीं पर्व और अन्य कार्यक्रमों का हवाला देकर अधिकारियों ने मामला दबा दिया।

बताते हैं कि इसके बाद अचानक नौ लोगों की सूची कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी के पास भेज दी। इसमें भी संबंधित लोगों को सात दिन का वक्त दे दिया गया। तय समय के बाद भी जब जवाब नहीं आया तो डीएम ने विनियमित क्षेत्र से अवैध कॉलोनी में बने आवास और नक्शे से संबंधित विवरण फोटो के साथ मांगे। डीएम के निर्देश पर भी विनियमित क्षेत्र ने मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने की बात कहते हुए मामला टाल दिया। कार्यक्रम निपटने के सात दिन बाद भी किसी भी कॉलोनी की रिपोर्ट डीएम के पास नहीं भेजी गई। यह भी नहीं बताया गया कि शेष 10 कॉलोनियों का क्या हुआ, जिन्हें पूर्व में पहला नोटिस भेजा गया था। जिम्मेदारों की ऐसी लापरवाही से अवैध कॉलोनी बनाने वालों को अभयदान मिलता दिख रहा है।

जिलाधिकारी ने अवैध कॉलोनी में बने आवासों के फोटो सहित रिपोर्ट मांगी थी ताकि कार्रवाई हो सके। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लग जाने के कारण यह उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। अब पूरी पत्रावली भेजी जाएगी। – सुनील कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट

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