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गोमती उद्धगम स्थल । फाइल फोटो
कलीगनर। गोमती नदी की जमीन पर कलीनगर और पूरनपुर तहसील क्षेत्र में हुए अवैध कब्जे हटाने के लिए अब राजस्व विभाग के जिला शासकीय अधिवक्ता विधिक प्रक्रिया के तहत पैमाइश कराएंगे। इसके बाद नदी की जमीन को कब्जामुक्त कराके राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराया जाएगा।
उद्गम स्थल फुल्हर से निकली गोमती नदी की जमीन पर अवैध कब्जों का मामला शासन स्तर पर पहुंचा था। इसके बाद जब पड़ताल की गई गई तो राजस्व रिकॉर्ड में कलीनगर तहसील के सात और पूरनपुर तहसील के 28 गांवों में गोमती नदी के से जमीन ही दर्ज नहीं पाई गई। इतना ही नहीं नक्शे में भी कहीं नदी नहीं है।
इसे लेकर कलीनगर एसडीएम ने डीएम को रिपोर्ट भेजी थी। अब नदी की जमीन को राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने और कब्जे हटाने के लिए एसडीएम ने कवायद शुरू कर दी है। एसडीएम ने जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है की कलीनगर तहसील क्षेत्र के सात एवं पूरनपुर तहसील के 28 राजस्व गांवों के नक्शे व खतौनी में गोमती नदी के नाम कोई भूमि दर्ज नहीं है और न नदी का नक्शे में प्रबाह दर्शाया गया है।
एसडीएम के मुताबिक, गोमती नदी में अविरल जल प्रवाह के लिए संबंधित राजस्व गांव के नक्शे और रिकॉर्ड में सुधार किया जाना आवश्यक है। 35 राजस्व ग्रामों से संबंधित गाटाबार नक्शे की स्थिति, बंदोबस्त की स्थिति के अनुसार गोमती नदी का चिह्नांकन करते हुए विधिक प्रक्रिया के तहत नापजोख की जाए।
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