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पीलीभीत। धान खरीद नीति के तहत केंद्र पर विपणन सहायक की मौजूदगी होनी चाहिए। मंडी में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। यहां केंद्र पर प्रभारी ही काम देख रहे है। यही नहीं हर सेंटर पर ठेकेदार के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं। ऐसे में शासन के पारदर्शिता के साथ खरीद कराने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

जिले में तीन अक्तूबर से धान की खरीद जारी है। इसके लिए जिले में 161 क्रय केंद्र खोले गए हैं। अब तक आधे सेंटरों पर खरीद शुरू नहीं हो सकी है। क्रय नीति के तहत केंद्र कम से कम आठ किलोमीटर की दूरी पर खोलने के निर्देश हैं। आदेश में कहा गया है कि किसानों को अपना धान ले जाने के लिए आठ किलोमीटर से अधिक न जाना पड़े। यदि धान की उस क्षेत्र में अधिकता है तो डीएम क्रय केंद्र की दूरी घटा भी सकते हैं। बावजूद इसके जिले में कहीं भी इस नियम का पालन नहीं किया गया है।

इसके अलावा सभी केंद्रों पर विपणन सहायक की मौजूदगी भी अनिवार्य है, लेकिन मंडी के मात्र चार केंद्रों पर ही उनकी मौजूदगी है। इसके अलावा अन्य केंद्रों पर प्रभारी, ठेकेदार के प्रतिनिधि और मानव संसाधन से रखे कर्मचारी ही मौजूद रहते हैं। केंद्र पर ठेकेदार के प्रतिनिधि की ओर से ही खरीद को लेकर काम किया जा रहा है। सभी सेंटरों पर ठेकेदारी प्रथा ही हावी दिख रही है। ऐसे में शासन की निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ खरीद के निर्देशों पर अमल नहीं हो पा रहा।

जिले के सभी धान केंद्र शासन की धान क्रय केंद्र नीति के अनुसार ही खोले गए हैं। जहां जितने केंद्र की आवश्यकता थी, वहां उतने ही केंद्र खोले गए हैं। – वीके शुक्ला, डिप्टी आरएमओ

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