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मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
पीलीभीत। तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर मेडिकल कॉलेज के नियमित डॉक्टरों और अन्य स्टाफ मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गया। ऐसे में मरीजों को दवा नहीं मिल सकी। कुछ देर तो मरीजों ने इंतजार किया, लेकिन जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे भड़क उठे। प्रभारी प्राचार्य कक्ष के सामने एकत्र होकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देखा सीएमओ आलोक कुमार और प्रभारी प्राचार्य धरनास्थल पर पहुंचे और कर्मचारियों, डॉक्टरों को समझाकर हड़ताल खत्म कराई। इसके बाद करीब 12:30 बजे ओपीडी शुरू हो सकी।
मेडिकल कॉलेज में रोजाना 1500 से 1600 मरीज आ रहे हैं। मंगलवार को भी लगभग इतने ही मरीज पहुंचे। सुबह आठ बजे से पहले ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लाइन लग गई। जब काफी देर तक पर्चा काउंटर नहीं खुला तो मरीजों ने पूछताछ की। तब उन्हें पता चला कि आज डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
इधर, डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी तकलीफ हुई। कुछ मरीज दर्द से कराहते थे, तो कुछ बुखार की तपिश से परेशान दिखे। जब तकलीफ बढ़ी तो मरीज और उनके परिजन भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। कुछ मरीजों ने डीएम को फोन कर मामले की शिकायत भी की।
यहां बता दें कि नियमित डॉक्टरों के हड़ताल के चलते मेडिकल कॉलेज में कुछ संविदा डॉक्टरों को तैनात भी किया गया था, लेकिन उनके पास कम ही लोग पहुंचे। इधर, हड़ताल के चलते सीडीओ धमेंद्र प्रताप सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
प्रभारी प्राचार्य से बात करने के बाद डॉक्टर, कर्मचारियों से बात की। बाद में कुछ देर रुकने के बाद दोनों लौट गए। बाद में सीएमओ आलोक कुमार और प्रभारी प्राचार्य धरनास्थल पर पहुंचे और कर्मचारियों और डॉक्टरों को समझाकर हड़ताल खत्म कराई, जिसके बाद ओपीडी शुरू हो सकी।
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डेढ़ घंटे की ओपीडी में 320 मरीजों को मिल सकी दवा
हड़ताल के चलते काफी मरीजों को बिना दवा के ही लौटना पड़ा। हड़ताल खत्म होने के बाद करीब साढ़े 12:30 बजे ओपीडी शुरू होकर दो बजे तक चली। डेढ़ घंटे की ओपीडी में 320 नए मरीजों को देखा गया। वहीं खून की जांच भी करीब 50 से 60 लोगों की ही हो सकी।
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धरना नहीं मजबूरी है, वेतन बहुत जरूरी है…
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समिति के बैनर तले धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि ‘धरना नहीं मजबूरी है, वेतन बहुत जरूरी है’। कर्मचारियों का कहना था कि पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। काफी परेशानी हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि आश्वासन पर धरना खत्म कर रहे हैं, अगर जल्द ही वेतन जारी॔ नहीं हुआ तो फिर से कार्य बहिष्कार को मजबूर होंगे।
धरना प्रदर्शन में संयुक्त समिति की जिलाध्यक्ष अंजू सिंह, मंत्री कमलेश सिंह, संयोजक बीसी यादव, संगठन मंत्री महेंद्र गंगवार, संयुक्त मंत्री रामलखन गौतम, दिग्विजय आर्य, रामनरेश सिंह आदि काफी संख्या में डॉक्टर व अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
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एलर्जी हो गई है, दवा देने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा पर दवा नहीं मिल सकी। डाॅक्टर हड़ताल पर थे। हमारे साथ ही यहां पर आने वाले सभी मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
-रामस्वरूप वर्मा, मो. बागगुलशेर खां
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शहर से 15 किलोमीटर दूर न्यूरिया खुर्द से बुखार की दवा लेने पहुंचीं चंदा देवी ने बताया कि मंगलवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचीं, लेकिन हड़ताल के चलते दवा नहीं मिल सकी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है नहीं तो प्राइवेट में दिखा देतीं।
-चंपा देवी, न्यूरिया खुर्द
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पिछले काफी समय से आंख में तकलीफ है। मंगलवार को सरकारी अस्पताल में दवा लेने पहुंचा, लेकिन यहां तो मरीजों को छोड़कर डॉक्टर धरने पर बैठे हैं। मरीज परेशान हो रहे हैं उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है।
-शकील अहमद, डांग जहानाबाद
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करीब 40 किलोमीटर दूर से दवा लेने पहुंचे तेजपाल को सांस की समस्या है। हड़ताल के चलते काफी परेशानी हुई। बोले-सरकारी अस्पताल ही सहारा है, अगर यहां भी दवा नहीं मिलेगी तो कहां जाएंगे।
-तेजपाल, गहलुईयां
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वेतन न मिलने से नियमित डाॅक्टरों और कर्मचारियों ने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया था। बाद में समझाने पर 12:30 बजे हड़ताल खत्म कर दी, जिसके बाद ओपीडी शुरू हो गई। हड़ताल के चलते संविदा डॉक्टरों को तैनात किया गया था।
-डॉ. संजीव सक्सेना, प्रभारी प्राचार्य मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
मेडिकल कॉलेज के पर्चा बनवाने के इंतजार में पर्चा बनाने वाले कांउटर पर खड़े लोग । संवाद
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