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फर्रुखाबाद। व्यापारी के पोस्टमार्टम में जानबूझकर चार चोटों की रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर से सीएमओ ने दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं। मालूम हो कि पैनल से हुए पोस्टमार्टम में व्यापारी के एक भी चोट नहीं आने की पुष्टि की गई थी।

कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव शिवरई बरियार निवासी व्यापारी राधेश्याम उर्फ रामदास की तीन अक्तूबर की रात मौत हो गई थी। परिजनों ने पड़ोसी रामफल सक्सेना व उनके परिजनों पर पथराव करने का आरोप लगाकर तहरीर दी थी। पुलिस ने चार अक्तूबर को शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। डॉ. सुमित कुमार ने पोस्टमार्टम किया। उन्होेंने राधेश्याम के सिर, सीने में आई गंभीर चोट से मौत होने की पुष्टि की। चार चोटों का जिक्र किया था। एसपी विकास कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को चैलेंज कर फिर से पैनल से पोस्टमार्टम करवाने के लिए डीएम को पत्र भेजा था। डॉ. मान सिंह व शोभित कुमार सिंह ने पैनल से किए पोस्टमार्टम में एक भी चाेट नहीं होने की पुष्टि की थी।

मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर विसरा सुरक्षित कर लिया था। इस मामले में सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने डॉक्टर सुमित शाक्य को नोटिस भेजा है। इसमें कहा कि व्यापारी के शव का पोस्टमार्टम करके चार चोटें जानबूझकर रिपोर्ट में क्यों दिखाई। जबकि पैनल से हुए पोस्टमार्टम में दो डॉक्टरों ने एक भी चोट का जिक्र रिपोर्ट में नहीं किया। उन्होंने दो दिन में जवाब देने के आदेश दिए हैं।

डॉ सुमित शाक्य ने बताया कि व्यापारी के पंचनामा में पथराव करने का जिक्र किया गया था। पंचनामा भरने वाले दरोगा ने पैनल से पोस्टमार्टम व वीडियोग्राफी कराने का भी जिक्र नहीं किया था। पोस्टमार्टम के दौरान जो सही दिखाई दिया वहीं रिपोर्ट लगाई थी।

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