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डगा गांव में बाघ की निगरानी करते वनकर्मी । संवाद
कलीनगर। डगा गांव में तीन दिन से मौजूद बाघ ने सोमवार सुबह आबादी के निकट खेत पर मौजूद एक किसान पर झपट्टा मार दिया। कुछ दूरी पर खड़े वाचर के शोर मचाने पर बाघ गन्ने के खेत में जाकर छिप गया। दो डिप्टी रेंजर के नेतृत्व में टीम को बाघ की निगरानी के लिए लगाया गया है।
माधोटांडा क्षेत्र के डगा गांव से बराही रेंज का जंगल तीन किलोमीटर दूर है। इस इलाके से सटे हल्दीडेंगा क्षेत्र में हिंसक वन्यजीवों की मौजूदगी बनी रहती है। तीन दिन पूर्व से यहां दो बाघों की लगातार मौजूदगी देखी जा रही है। सोमवार सुबह डगा निवासी एजाज अहमद आबादी के निकट खेत पर पुआल इकट्ठा कर रहे थे, तभी गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने उन पर झपट्टा मार दिया।
गनीमत रही कि कुछ दूरी पर खड़े वन वाचर शोर मचाते हुए बाघ की ओर दौड़े। इस पर बाघ रुख बदलकर गन्ने के खेत में जाकर छिप गया। जानकारी के बाद डिप्टी रेंजर सगीर अहमद, मोहम्मद आरिफ के नेतृत्व में टीम निगरानी में जुटी। ग्रामीणों का कहना है कि एक शावक के साथ बाघिन की लगातार क्षेत्र में मौजूदगी देखी जा रही है। दोपहर बाद डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने मौका मुआयना कर जरूरी निर्देश दिए।
बच्चों में दहशत, स्कूल में कम हुई संख्या
डगा गांव में आबादी के नजदीक ही बेसिक स्कूल है। बाघों की चहलकदमी से बच्चों में दहशत है। प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश ने बताया कि बाघों के डर से स्कूल में दो दिन से बहुत कम संख्या में बच्चे आ रहे हैं। बाउंड्रीवॉल न होने से स्कूल में जंगली जानवरों के आने का भी खतरा बना रहता है।
डगा गांव में बाघ की निगरानी करते वनकर्मी । संवाद
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