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फर्रुखाबाद। दरगाह हुसैनिया मुजीबिया पर चल रहे उर्स में राजस्थान स्थित दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के सज्जादानशीन ख्याजा गौसुद्दीन चिश्ती पहुचे। उन्होंने शाह तालिब हुसैन मुजीबी की दरगाह पर हाजिरी लगाकर कुल का एहतमाम किया। कव्वालों ने उनकी शान में कलाम पढ़ा- मेरे अंगना मोइनुद्दीन चिश्ती आयो रे…सुनकर अकीदतमंद झूम उठे। उर्स का मंगलवार को समापन होगा।
शहर के मोहल्ला सूफी खां स्थित हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक दरगाह में सोमवार को सूफी शाह तालिब हुसैन मुजीबी के कुल व रंग का एहतमाम किया गया। इसमें प्रदेश के कई जिलों और देश के कई प्रांतों से आए जायरीनों ने दरगाह पर चादरपोशी कर मुल्क में अमन और शांति के लिए मन्नतें मांगीं। कुल व रंग के वक्त कव्वाली की महफिल सजी। कव्वालों ने शाह तालिब हुसैन मुजीबी की शान में कलम सुनाया- ईद का दिन है आज मेरे मुरीदों लिए…। अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन की शान में- मेरे अंगना मोइनुद्दीन चिश्ती आयो रे… सुनाकर कव्वालों ने वाहवाही लूटी।
राजस्थान दरगाह से आए ख्वाजा गौसुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जहां अल्लाह वाले मौजूद हैं। वहां पर मोहब्बत व इंसानियत का पैगाम दिया जाता है। दरगाह के सज्जादानशीन शाह फसीह मुजीबी ने कहा कि खानकाह मुत्ताहद होकर इस्लाम की तबलीक, इशाअत और मसलके हक के लिए फरोक होकर काम करें।
हिलाल मुजीबी ने जयारीनों का इत्र और गुलाब की खुशबू लगाकर स्वागत किया। काजी सैयद मुताहिर अली, कारी तनवीर रजा, कारी शाकिर कादरी, हस्सान मुजीबी, शीराज मुजीबी, मुतीउल हुसैन मुजीबी, असलम नवाब, आरिफ खान आदि मौजूद थे।
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