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हथकड़ी
– फोटो : social media
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सीबीआई ने 31.50 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) और बैंक ऑफ बड़ौदा के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को दी है। एजेंसी ने गिरफ्तार आरोपियों आरएलडीए के पूर्व प्रबंधक विवेक कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व शाखा प्रबंधक जसवंत राय और तीन निजी व्यक्तियों गोपाल ठाकुर, हितेश करेलिया और नीलेश भट्ट को एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने आरएलडीए की एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 31.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया गया था कि आरएलडीए ने शुरू में बैंक ऑफ बड़ौदा, विश्वास नगर शाखा, शाहदरा, दिल्ली में सावधि जमा (एफडी) के रूप में एक वर्ष के लिए 35 करोड़ रुपये (लगभग) का निवेश किया था और उसके बाद परिपक्वता आय प्राप्त की गई थी। तीन महीने की अवधि के लिए दोबारा निवेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैंक ने कथित तौर पर केवल 3.50 करोड़ रुपये का निवेश किया और शेष 31.50 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों, आरएलडीए अधिकारियों और निजी व्यक्तियों की मिलीभगत से विभिन्न फर्जी कंपनियों में भेज दिए गए। कथित तौर पर आरएलडीए अधिकारियों द्वारा जारी किए गए जाली पत्रों और सलाह का उपयोग करके राशि का दुरुपयोग किया गया था। प्रवक्ता ने कहा पहले दिल्ली, मुंबई, गोवा और हिमाचल प्रदेश सहित 12 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली गई थी।
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