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रावण के पुतले
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली में रामलीला के दौरान यदि बारिश भी आ जाए तो इस बार रावण के पुतले गीले नहीं होंगे। इन पुतलों को इस बार विदेशी कागज से तैयार किया जा रहा है। खास बात यह है कि यह पुतले पूरी तरह से वाटर प्रूफ होंगे। सुभाष नगर, राजौरी गार्डन व अर्जुन पार्क सहित इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। कारीगरों के मुताबिक पुतले में इस्तेमाल होने वाले रंगीन कागज को विदेशों से मंगाया गया है। इस कागज की खासियत है कि धूप व बारिश में रंग फीका नहीं पड़ेगा और चमक वैसी की वैसी ही बनी रहेगी। इसके साथ न ही यह गीला होगा और न फटेगा।
सुभाष नगर के तितारपुर के पास रावण का पुतला बना रहे कारीगर सत्यपाल राय ने बताया कि वह लगभग चार दशकों से रावण के पुतले बना रहे हैं। यह उनकी तीसरी पीढ़ी है, जो रावण तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि रावण के ढांचे को तैयार करने के लिए असम से पोर और चवाड़ किस्म का बांस मंगाया है। इस बांस की खास बात है कि यह हल्का, हरा व लचीला होता है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र व हरियाणा सहित अन्य स्थानों के लिए यहीं से पुतले जाते हैं। इस बार उम्मीद की है वर्ष 2022 के मुकाबले अच्छा काम होगा। उन्होंने बताया कि असम के बांस, विदेशों से विशेष पेपर, दिल्ली से पुराने कपड़े और पेंट आता है। इनके प्रयोग से पुतलों के निर्माण में किया जाता है।
कटप्पा व धोती वाले रावण की मांग अधिक
राजौरी गार्डन में पास रावण बना रहे विक्की ने बताया कि इनके पास 10 से 60 फुट से ऊंचे रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा छोटे और मध्यम आकार के पुतले भी हैं। दस फुट के पुतले की कीमत 1500 रुपये है। वहीं, 60 फूट रावण की कीमत 35 हजार रुपये है। उन्होंने बताया कि वे लोगों की मांग के अनुसार अलग-अलग आकर में रावण बनाते है। उन्होंने बताया कि इस बार कट्टप्पा व धोती वाले रावण को बना रहे हैं, जो एक ग्राहक की मांग पर तैयार किया जा रहा है। वहीं, कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया से ऑर्डर आया था।
पूरा परिवार दशानन को बनाने में जुटा
नजफगढ़ में अर्जुन पार्क के निकट पुतले बनाने वाले राहुल ने बताया कि उनका पूरा परिवार दिन-रात रावण के पुतले बनाने में जुटा हुआ है। दशानन के मुंह व मुकुट को बनाने में सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इस बार छोटे रावण की भी मांग है, क्योंकि अब गलियों व सोसाइटी में लोग रावण के पुतले जलाते हैं।
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