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कलीनगर। पट्टेदार की जमीन पर लगी फसल काटने को लेकर बूंदीभूड़ गांव में चार दिन पूर्व खूनी संघर्ष हुआ था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी आरोपी शेष फसल को काटने की फिराक में हैं। पीड़ित पट्टेदार तहसील दिवस से लेकर थाने तक के चक्कर काट चुका है। कार्रवाई न किए जाने पर माहौल खराब होने की आशंका बढ़ गई है।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के सीमावर्ती गांव बूंदीभूड़ में सालों से पट्टे की जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। पीड़ित पट्टेदारों के लगातार पत्राचार के बाद जून में प्रशासन ने पैमाइश कराने के बाद जमीन पर कब्जा दिलाया था। इसके बाद पट्टेदारों ने धान की फसल बोई थी। इधर, फसल तैयार होते ही अवैध कब्जेदार फिर सक्रिय हो गए। चार दिन पूर्व फसल काटने से मना करने पर एक पट्टेदार को करीब छह लोगों ने दराती व अन्य धारदार हथियारों से लहूलुहान कर दिया था।

अनुसूचित जाति के पट्टेदार प्रमोद कुमार का कहना है कि उन पर जानलेवा हमला किया गया। माधोटांडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसको लेकर शनिवार को कलीनगर तहसील में आयोजित समाधान दिवस में भी प्रार्थना पत्र दिया गया। दबंग कब्जेदार लगातार फसल काटने की फिराक में जुटे हुए हैं। ऐसे में उन्हें जान का भी खतरा मंडरा रहा है। पीड़ित न्याय के लिए अफसर के कार्यालय में चक्कर काटने पर मजबूर है।

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