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पीलीभीत। पराली प्रबंधन और इसको जलाने से रोकने के लिए प्रत्येक गांव में डीएम ने आठ लोगों की टीम गठित की है। इसमें गांव के प्रधान के साथ ही गांव के शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी और सफाई कर्मी को शामिल किया गया है। टीम में ही लेखपाल के अलावा रोजगार सेवक, कृषि और गन्ना विभाग के कर्मी भी रखे गए हैं।

धान की कटाई तेज होने के साथ ही पराली प्रबंधन को लेकर प्रशासन ने अपनी सक्रियता को और अधिक बढ़ा दिया है। प्रशासन का दावा है किसी भी दिशा में पराली को जलने नहीं दिया जाएगा, बल्कि इसका प्रबंधन किया जाएगा। पराली को जलने से रोकने के लिए शासन से मिले निर्देश के बाद जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में निगरानी समितियां का गठन किया है।

निगरानी समिति में प्रधान अध्यक्ष और लेखपाल होंगे सचिव

निगरानी समिति में गांव के प्रधान को अध्यक्ष, लेखपाल को सचिव बनाया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत अधिकारी, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी, गन्ना विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी, रोजगार सेवक, सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी, शिक्षा मित्र को सदस्य बनाया गया है। जिलाधिकारी की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि ग्राम पंचायत निगरानी समितियां उप जिला अधिकारी के नियंत्रण और निर्देशन में कार्य करेंगी। ग्राम पंचायत निगरानी समितियां फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कंबाइन, हार्वेस्टर के साथ सुपरस्टार मैनेजमेंट सिस्टम अथवा अन्य कोई फसल अवशेष से प्रबंधन यंत्र का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया यदि कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर सिस्टम के बगैर चलते हुए पाए जाएं उनको तत्काल सीज किया जाए।

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