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मेडिकल कॉलेज । संवाद
पीलीभीत। शहर में आवासीय और कामर्शियल भवनों से प्रत्येक वर्ष नगर पालिका परिषद प्रशासन गृह और जलकर वसूलता है। आम आदमी कर न चुका पाए तो उसकी आरसी जारी कर दी जाती है, लेकिन यहां सरकारी विभागों पर लाखों रुपये का कर बकाया है। नगर पालिका कई बार नोटिस जारी कर चुकी है, बावजूद इसके आज तक कर जमा नहीं किया गया। सबसे बुरा हाल तो मेडिकल कॉलेज का है। उस पर 13 लाख से अधिक का कर बकाया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिला अस्पताल ने सात सालों से हाउस और वाटर टैक्स जमा नहीं किया है। इस पर अब 13.60 लाख रुपये का बकाया हो गया है। राजकीय महिला अस्पताल पर भी 3.60 लाख रुपये का कर बकाया है। इतना ही नहीं नकटादाना स्थित बिजली केंद्र पर 4.60 लाख रुपये का कर बकाया है। इसके अलावा विकास भवन परिसर स्थित डीआरडीए पर 1.29 लाख, विकास भवन सभागार पर 9,200 रुपये का कर बकाया है। इस वित्तीय वर्ष में आवासीय व कामर्शियल का कुल 2.96 करोड़ का कर बकाया है। इसके सापेक्ष अप्रैल से अब तक 1,35,07,299 रुपये की वसूली हो चुकी है।
26 हजार से अधिक भवन पंजीकृत
नगर पालिका में 26.5 हजार आवासीय और कामर्शियल भवन पंजीकृत हैं। इनसे कर वसूला जाता है। इसके अलावा करीब 114 सरकारी भवन हैं। इन सभी भवनों से एरिया लागत का 10 फीसदी हाउस और 10 फीसदी वाटर टैक्स वसूला जाता है।
नोटिस के बाद काफी लोगों ने जमा किया कर
अधिकांश लोग कर जमा नहीं करते हैं। नगर पालिका की ओर से ऐसे मकान मालिक को नोटिस जारी किया जाता है। मार्च से अब तक करीब 500 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद कुछ लोगों ने कर जमा कर दिया है, लेकिन अब भी काफी लोग रह गए हैं। पालिका प्रशासन की मानें तो बार-बार नोटिस देने के बाद भी जो लोग टैक्स नहीं जमा करते हैं, उनकी आरसी जारी की जाती है।
वर्जन
नगर पालिका से लगातार हाउस और वॉटर टैक्स जमा कराया जा रहा है। सितंबर महीने में 24 लाख का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 27 लाख जमा कराया गया है। जिन सरकारी विभागों पर पुराना टैक्स बकाया है, उनको पत्र लिखा जा रहा है। कई सरकारी विभागों का टैक्स जमा होता रहता है। – देवेंद्र सिंह, प्रभारी ईओ नगर पालिका
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