फर्रुखाबाद। सीएमओ कार्यालय में सोमवार को आयोजित दिव्यांग बोर्ड में डॉक्टर ढाई घंटा देरी से पहुंचे। इससे इंतजार कर रहे दिव्यांगों में पहले परीक्षण कराने को लेकर जमकर धक्कामुक्की और हंगामा हो गया। तीन सोमवार से मायूस लौट रहे दिव्यांगों का डॉक्टर ने परीक्षण किया।
जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने के साथ ही दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने के लिए लगने वाला बोर्ड भी निशक्त है। सीएमओ कार्यालय में प्रत्येक सोमवार को दिव्यांग बोर्ड में करीब दो वर्ष से ईएनटी सर्जन नहीं है। पिछले तीन सोमवार से हड्डी रोग विशेषज्ञ भी न आने से दिव्यांग मायूस होकर लौट रहे थे। इससे दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सुबह से ही सीएमओ कार्यालय में निशक्तों की भीड़ लग गई। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.मेघा सक्सेना ने समय से पहुंचकर आंख से संबंधित 14 दिव्यांगों का परीक्षण कर रिपोर्ट लगाई। जबकि 10 दिव्यांगों को परीक्षण के लिए लोहिया अस्पताल रेफर किया। दोपहर में करीब 200 से अधिक दिव्यांगों की भीड़ लगी थी। इस बीच 12:40 बजे आर्थो सर्जन डॉ. ऋषिकांत वर्मा दिव्यांग बोर्ड पहुंचे। पहले परीक्षण कराने के लिए दिव्यांग उमड़ पड़े। कक्ष में पहले घुसने को लेकर जमकर धक्कामुक्की हुई।
अव्यवस्था देख स्वास्थ्य कर्मियों ने गेट बंद कर लिया। इससे दिव्यांग हंगामा करने लगे। हालांकि डॉक्टर ने धीरे-धीरे सभी दिव्यांगों को बुलाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट लगाई। इससे पहले दिव्यांगों काे झूठा आश्वासन देकर बरगला रहे दलाल को कर्मचारियों ने फटकार लगाकर भगा दिया। फिर दिव्यांगों के आवेदन पत्र जमा किए। डॉ.ऋषिकांत वर्मा ने बताया कि लोहिया अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए राउंड लगाने के बाद वह दिव्यांग बोर्ड गए थे। इससे विलंब से पहुंच सके। उन्होंने करीब 200 से अधिक दिव्यांगों का परीक्षण कर रिपोर्ट लगाई। ईएनटी सर्जन से संबंधित दिव्यांगों को परीक्षण के लिए कानपुर रेफर कर दिया गया।