Patients will now be able to know sitting at home when they will get organs for transplant.

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– फोटो : Social Media

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अंगदान और उसकी प्रतीक्षा सूची के बारे में मरीज को अब घर बैठे जानकारी मिल सकेगी। सरकार ने देश में अंग प्रत्यारोपण की पूरी प्रणाली को पहली बार डिजिटल स्वरूप दिया है। इस डिजिटल रजिस्ट्री से मरीज न सिर्फ यह देख सकेगा कि प्रत्यारोपण के लिए अंग की प्रतीक्षा सूची में उसका स्थान कौन सा है? बल्कि कोई भी व्यक्ति कानूनी तौर पर अपने अंगदान करने का संकल्प भी ले सकेगा। यहां से उसे डिजिटल प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इसके साथ अंगदान का संकल्प लेने वालों का आभा खाता भी खुल जाएगा। 

शनिवार को यूपी के आगरा में शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया इस डिजिटल रजिस्ट्री को लॉन्च करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अंगदान को विनियमित करने के उद्देश्य से डिजिटल रजिस्ट्री विकसित की गई है। मंत्रालय का कहना है कि इससे दलालों और बिचौलियों की उपस्थिति को खत्म करने में मदद मिलेगी।

अंग प्रत्यारोपण में पारदर्शिता 

इस डिजिटल रजिस्ट्री को नीति आयोग से परामर्श के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की टीम ने तैयार किया है। इस रजिस्ट्री का सबसे बड़ा लाभ अंग प्रत्यारोपण में पारदर्शिता और अंगदान का संकल्प लेने वालों का डिजिटल डाटा एकत्र करना है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके तहत अंगदान प्रतिज्ञा रजिस्ट्री, प्राप्तकर्ता रजिस्ट्री और जीवित व मृत दाताओं के लिए दो अलग रजिस्ट्रियां, कुल मिलाकर चार रजिस्ट्री तैयार हुई हैं। इन्हें एक केंद्रीय डेटाबेस से लिंक किया है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इस डाटा तक केवल प्रासंगिक हितधारकों की पहुंच होगी। अंगदान का संकल्प लेने वालों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र उपलब्ध होंगे।



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