अमृतपुर। रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से कई गांवों के लोग दहशत में हैं। अमैयापुर मार्ग पर पानी भर जाने से ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होने लगी है। 20 से अधिक गांवों के पास बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गंगा के जलस्तर में 25 सेंटीमीटर की कमी आने से कई गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है।

पहाड़ों की बारिश ने पहले गंगा और अब रामगंगा को उफान पर ला दिया है। रामगंगा के आसपास के गांवों में खतरा बढ़ गया है। करीब 20 गांवों के पास पानी पहुंचने लगा है। इससे ग्रामीण बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं।

शुक्रवार को रामगंगा नदी के जलस्तर में 25 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। अब जलस्तर खतरे के निशान से पांच सेमी. दूर रह गया है। 136.80 मीटर से बढ़कर 137.05 मीटर पर पहुंच गया है। खतरे का निशान 137.10 मीटर पर है। खो बैराज 40,996, हरेली बैराज 5364, रामनगर बैराज 2401 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। तीनों बैराज से 48,361 क्यूसेक पानी आया है।

रामगंगा के किनारे के गांव हीरानगर, गुड़ेरा, भावन गुलरिया, खाखिन, बजीरपुर, असलानपुर, कोला सोता, बेचे पट्टी, महोलिया, मोकलपुर, चरिया सिकंदरपुर, गंगागंज, अलादपुर भटौली, खरगपुर, खंडोली, निसवी, राई, सीढ़ेचकरपुर आदि गांवों के पास पानी पहुंच गया। धान, गन्ना, मूंग, उड़द, तिल आदि फसलों में पानी भर गया है।

अमैयापुर को जाने वाले मार्ग पर पानी बहने से आने जाने में दिक्कत है। अर्जुनपुर में कटी सड़क पर पानी ज्यादा होने से 60 से अधिक गांवों के लोगों को दिक्कत है। सड़क पार करने के लिए तीन नाव चलाई जा रही हैं। गंगा के जलस्तर में 25 सेमी. की कमी आई है। जलस्तर 135.95 मीटर से कम होकर 135.70 मीटर पर आ गया है। नरौरा बांध से गंगा में 20,397 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।



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