बुराड़ी में किशोरी से दुष्कर्म का मामला

पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया

अमर उजाला ब्यूरो

नई दिल्ली। बुराड़ी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात रहे उप-निदेशक के मामले में नया खुलासा हुआ है। पूछताछ में नाबालिग ने दावा किया है कि 2018 से 2020 के बीच न्यू उस्मानपुर इलाके में जहां वह रह रही थी, वहां कुछ लड़कों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस खुलासे के बाद न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है।

उधर, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी अधिकारी का पोटेंसी टेस्ट रिपोर्ट आ गया है। उनका रिपोर्ट पॉजिटिव है। यानि अधिकारी शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 13 अगस्त को बुराड़ी इलाके में 17 साल की नाबालिग ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात रहे उप-निदेशक प्रेमोदय खाका (51) के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की थी। जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया कि उनके पिता की मौत के बाद पिता के दोस्त रहे अधिकारी ने बुराड़ी स्थित अपने घर रहने के लिए बुला लिया। जहां उन्होंने अक्तूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। उसने आरोप लगाया कि अधिकारी की पत्नी ने उसे गर्भपात करवाने के लिए गोली दी थी। बुराड़ी थाना पुलिस ने शिकायत पर अधिकारी रहे प्रेमोदय खाका और उनकी पत्नी के खिलाफ दुष्कर्म समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया।

छानबीन के दौरान अब पीड़िता ने दावा किया कि जब वह न्यू उस्मानपुर स्थित अपने घर में रहती थी, इस दौरान कुछ लड़कों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। बुराड़ी थाने के जांच अधिकारी ने न्यू उस्मानपुर पुलिस को इसकी जानकारी दी। न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने पीड़िता की काउंसिलिंग करवाई और उसका बयान लिया। इसके बाद बुधवार को दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पीड़िता ने पांच लड़कों को नामजद किया है। उत्तरी पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त जॉय टिर्की ने बताया कि पीड़िता के बयान पर मामला दर्ज कर लिया गया है और छानबीन की जा रही है।

खाका यौन उत्पीड़न करने में सक्षम, पोटेंसी टेस्ट पॉजिटिव

दुष्कर्म मामले में प्रमोदय खाका की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील ने अदालत में दावा किया कि खाका ने साल 2005 में नसबंदी कराई थी, इसलिए वह किशोरी को गर्भवती नहीं कर सके हैं। ऐसे में बुराड़ी थाना पुलिस ने उनका एलएनजेपी अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से पोटेंसी टेस्ट कराया। सूत्रों का कहना है कि इसका रिजल्ट आ गया है, जो पॉजिटिव है। वहीं, किशोरी के गर्भवती होने के मामले में आरोपी अधिकारी का परीक्षण नहीं किया गया है।



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