
G-20 Summit file pic
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जी-20 शिखर सम्मेलन में साइबर सुरक्षा के पुख्ता घेरे ने भी अपनी धाक जमाई है। पूरे आयोजन के दौरान करीब 122 एकड़ में फैले प्रगति मैदान के साथ नजदीकी सड़कों व होटलों तक की चप्पे-चप्पे की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। केंद्रीय दूरसंचार व आईटी मंत्रालय की देखरेख में मिनी रत्न भारतीय रेल टेल के कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित साइबर सुरक्षा घेरा अचूक रहा।
अधिकारियों का कहना है कि अपनी तरह का यह पहला बड़ा कामयाब प्रयोग साबित हुआ है। इससे सीखते हुए आगे इसे अभेद्य किया जाएगा। जरूरत के हिसाब से अब हर तरह के आयोजन की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
दरअसल, आयोजन स्थल के 122 एकड़ को साइबर सुरक्षा कवच से घेरे में लिया गया था। भारत मंडपम के चप्पे-चप्पे पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नजर थी। इसके लिए 1,675 इनडोर एंटीना लगाए गए थे। करीब 35 किलोमीटर दायरे में उच्च रेडियो फ्रीक्वेंसी संकेतकों का सहारा लिया गया। जबकि 25 किलोमीटर के दायरे में फाइबर केबल बिछाए गए थे। इस सबसे सुरक्षा कवच के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार हो सका।
दूसरी तरफ भारत मंडपम, राजघाट क्षेत्र, संसद मार्ग से जय सिंह मार्ग स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) तक कैमरा फील्ड को एकीकृत करने के लिए एंड टू एंड बैंडविड्थ से लैस किया गया था। इस निर्बाध कनेक्टिविटी ने दिल्ली पुलिस और अन्य प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों को जी-20 कार्यक्रम की सुरक्षा और दिल्ली भर में समर्पित मार्गों पर जी-20 प्रतिनिधिमंडल की आवाजाही की बारीकी से नजर रखी जा रही थी।
बाहरी घुसपैठ से बचाव का भी प्रयोग सफल
बाहरी घुसपैठ से बचाव के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भी सफल रहा। रेलटेल ने पांच अलग-अलग भौतिक पथों के माध्यम से दो इंटरनेट अप स्ट्रीम से इंटरनेट बैंडविड्थ लगाया था। अनधिकृत पहुंच और गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षित कॉन्फ़िगरेशन प्रबंधन, फायरवॉल और घुसपैठ रोकथाम प्रणालियों सहित बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सुरक्षा समाधान से लैस किया गया था। रेलटेल ने विदेश मंत्रालय की निगरानी में समन्वय के साथ काम को अंजाम तक पहुंचाया। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद इसे मॉनिटर कर रहे थे।
रेल टेल ने एजेंसियों के साथ मिलकर दिया एकीकृत समाधान
जी-20 सम्मेलन में भारतीय रेलवे की अहम भूमिका रही। रेलटेल कंपनी को विशेष रूप से भारत मंडपम, प्रदर्शनी हॉल में एकीकृत दूरसंचार समाधान की सेवाएं देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अत्याधुनिक मोबाइल नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर और एक न्यूट्रल इन बिल्डिंग टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए रेलटेल और दूरसंचार बुनियादी ढांचे में उच्च रेडियो फ्रीक्वेंसी संकेतों को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पारित करने के लिए लगाया था। फोन लाइन, केबल टीवी, इंटरनेट, सेल बूस्टर, आरएफ केबल के साथ ही योजना के हिस्से के रूप में वाई-फाई बुनियादी ढांचे को रणनीतिक रूप से बाहरी गलियारों में रखा गया था।