फर्रुखाबाद। दहेज हत्या में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट महेंद्र सिंह ने गवाह व साक्ष्य के आधार पर पति, सास-ससुर को दोषी करार दिया है। साक्ष्य के अभाव में जेठ को दोषमुक्त कर दिया।
जनपद कन्नौज कोतवाली सदर गांव रामपुर मुडेरी निवासी राशिद अली ने कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव खुदागंज निवासी वसीम अहमद से 16 अप्रैल 2017 को पुत्री रजिया की शादी की थी। हैसियत के मुताबिक दान दहेज भी दिया था। शादी के कुछ दिन बाद पति वसीम अहमद, जेठ मुशीर अहमद, ससुर मुस्तफीज अहमद, सास महेरूनिशा दहेज में बाइक की मांग कर रजिया को प्रताड़ित करने लगे।
मांग नहीं पूरी होने पर पति सहित सभी लोगों ने 18 अगस्त को रजिया को फंदे पर लटकाकर मार डाला। पुलिस ने राशिद की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने छानबीन के बाद पति सहित चारों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने मंगलवार को साक्ष्य व गवाह के आधार पर पति वसीम, ससुर मुस्तफीज, सास महेरूनिशा को दोषी करार दिया है। साक्ष्य के अभाव में जेठ वसीम को दोषमुक्त कर दिया। दोषियों को बुधवार को सजा सुनाने की तिथि तय की है। अभियोजन पक्ष की ओर से अशोक कटियार, अनुज प्रताप व वकील सुनील यादव ने दलीलें दीं।