नई दिल्ली घोषणा पत्र को जी-20 सम्मेलन में मिली मंजूरी से व्यापारियों की उम्मीदें बढ़ीं
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। नई दिल्ली घोषणा पत्र को जी-20 सम्मेलन में मिली मंजूरी से व्यापारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि यह एक मील का पत्थर बनेगा। छोटे व्यापारियों व लघु उद्योगों को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही डिजिटल इकॉनमी को नई गति प्रदान करेगा। घोषणा पत्र के अनुरूप जो नीतियां बनेंगी, उससे निश्चित रूप से भारत के निर्यात व्यापार में वृद्धि होगी।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय व्यापारी कम समय में अपना सामान सीधे बनने वाले कॉरिडोर से रेल, सड़क, बंदरगाह व बनने वाले नेटवर्क से भेज सकेंगे। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ेगी। भारत के खिलौने, कंप्यूटर तकनीक एवं उपकरण, फैशन गारमेंट, साड़ी, वस्त्र, हस्तशिल्प, जेम एंड जूलरी के निर्यात में वृद्धि होने की आशा है। विकास को गति देने और स्थायी आर्थिक परिवर्तन लाने में निजी क्षेत्र की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है जिसके लिए स्टार्टअप और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा। घोषणा पत्र में स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना और इसके जारी रहने का संकल्प इस दिशा में बड़ा कदम है। यह संकल्प विदेशी कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार पर कब्जा करने की प्रवृति को रोकेगा।
व्यापारियों को मिलेगी आर्थिक मजबूती : बावेजा
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बावेजा ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन से व्यापारियों की आस जग गई है। कूटनीतिज्ञ समझौते के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। दिल्ली चूंकि देश की राजधानी और व्यापार का बढ़ा केंद्र है, लिहाजा आर्थिक मजबूती व्यापारियों को मिलेगी। देश-विदेश से आयात-निर्यात का बेहतर मौका मिलेगा। सभी तरह के उद्योग-धंधों को विकास की राह पर ले जाने वाला कदम साबित होगा। नए इकोनॉमिक कॉरिडोर के बनने से न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि डिजिटल इकॉनमी का बड़ा विस्तार होगा।