G20 Summit: Argentina's President could not see the Red Fort

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज
– फोटो : Alberto Fernandez

विस्तार


अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज लालकिला नहीं देख सके। वे शुक्रवार को लालकिला देखना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से मना कर दिया गया। उन्हें इंडिया गेट दिखाने के बाद वापस होटल भेजा गया। वहीं, विदेशी मेहमानों के काफिले के बीच सिर्फ एक से दो मिनट का अंतर होने से दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की शनिवार सुबह करीब एक घंटे तक सांसें अटकी रहीं।

देश की सुरक्षा एजेंसियों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति शुक्रवार दोपहर को घूमने के लिए इंडिया गेट पहुंचे। यहां पर करीब पौने घंटे तक रहे। यहां से वे लालकिला जाना चाहते थे। इसका मैसेज सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचाया गया, लेकिन उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए लालकिला जाने से मना कर दिया गया। उन्हें वापस होटल जाना पड़ा। 

जी-20 सम्मेलन को लेकर किसी तरह के आतंकी हमले व वारदात के इनपुट नहीं हैं, लेकिन खालिस्तानी आतंकी गुरपंत सिंह पन्नू ने माहौल को जरूर खराब करने की धमकी दी है। इसे देखते हुए लालकिले के पास चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुछ और राष्ट्राध्यक्ष व विदेशी मेहमान दिल्ली में कुतुबमीनार आदि जगह घूमने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें भी रोक दिया गया। विदेशी मेहमानों को अक्षरधाम मंदिर, इंडिया गेट व हुमायूं का मकबरा ही घुमाया गया।

बाइडन का काफिला दूसरे नंबर पर निकला

विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष व प्रमुख सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार सुबह प्रगति मैदान पहुंचे। विदेशी मेहमान दिल्ली के 16 व गुरुग्राम के एक होटल में ठहरे हुए हैं। होटलों से सबसे पहले सम्मेलन में बुलाई गई संस्थाओं के प्रमुख के काफिले निकले। जब संस्थाओं के प्रमुख प्रगति मैदान पहुंच गए तो जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के काफिले निकले। इनमें दूसरे नंबर पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का काफिला निकाला गया। सबसे आखिर में यूएई के क्राउंस प्रिंस निकले। 

बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से बाइडन का काफिला आखिर में निकाला गया। ये काफिले सुबह नौ बजे के बाद होटलों से निकले और 10 बजे तक प्रगति मैदान पहुंचते रहे। बताया जा रहा है कि करीब 41 काफिले थे। सभी के बीच में एक से दो मिनट का गैप था। ऐसे में पुलिस को डर था कि काफिले आपस में टकरा न जाए या फिर अगला काफिला अटक न जाए या फिर कोई गड़बड़ न हो जाए। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के पसीने छूटते रहे। हालांकि, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस इसके लिए एक महीने से डमी कारकेड चलाकर रिहर्सल कर रही थी।



Source link

Verified by MonsterInsights