फर्रुखाबाद। राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी भले ही कितने भी आदेश दें, मगर स्थानीय स्तर पर बसों में सुधार नहीं हो रहा है। डिपो की करीब 15 बसें ऐसी हैं जो धक्का मारने के बाद स्टार्ट होती हैं। लोकल के अलावा आगरा और बदायूं रूट की बसों की सबसे बुरी हालत है। कई चालक धक्का लगाने से बचने के लिए बस अड्डा पर बसें घंटों स्टार्ट रखकर डीजल फूंकते रहते हैं।
डिपो में बसों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। स्थानीय डिपो की बसों में बैटरी, डायनुमा, सेल्फ की खराबी के चलते धक्का मारने के बाद ही स्टार्ट होती हैं। शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे बदायूं जा रही एक बस अपने निर्धारित समय से 10 मिनट बाद जा सकी। क्यों कि इस बस में सेल्फ नहीं था। धक्का लगाने के लिए चालक-परिचालक सवारियाें और अन्य बसों के स्टाफ को मनाते रहे। अपना समय बर्बाद होता देख पीछे नंबर पर खड़ी बस के चालक और परिचालक ने मदद करके बस में धक्का लगवाकर गंतव्य की ओर भेजा। बस अड्डा पर आगरा जाने वाली 10 से अधिक बसें धक्का परेड हैं। लोकल रूटों की कई बसों में भी सेल्फ काम नहीं कर रहा है। गुरुवार को एक चालक काफी देर तक बस को स्टार्ट करके खड़ा रहा। उसने बताया कि न सेल्फ काम कर रहा और न ही बैटरी। कुछ कहने पर ड्यूटी से ऑफ करने की धमकी दी जाती है। पेट की खातिर चुपचाप बस चला रहे हैं।
अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं
नई बसों को छोड़ दें, तो अन्य किसी भी बस में चालू अग्निशमन नहीं है। यही नहीं फस्ट एड बॉक्स तो किसी भी बस में सक्रिय नहीं है। कुछ बसों में खाली पेटिका पर फस्ट एड बॉक्स लिखा दिख रहा है। ऐसे में हादसा होने पर न तो आग बुझाने में मदद मिल सकती है और न ही चोट लगने पर तुरंत प्राथमिक इलाज। यात्रियों को एंबुलेंस के बाद अस्पताल तक का सफर ही करना होगा।
-कुछ बसों में दिक्कत है। जल्द में ही सेल्फ, बैटरी, अग्निशमन यंत्र आदि समस्याएं बढ़ी हैं। वह शीघ्र ही इसका सर्वे करवाकर पूरा रिकार्ड तैयार करवाकर रिपोर्ट संबंधित को भेजकर समस्या का समाधान कराएंगे।
-गौरीशंकर, केंद्र प्रभारी संचालन, कार्यशाला, फर्रुखाबाद डिपो