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– खंभों पर लगाए कमजोर क्लेंप व डिस्ट्रीब्यूशन बाक्स
– एक माह में ही झूलने लगे केबल, कसाव नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
फर्रुखाबाद। शहर में रिवैंप्ड योजना के तहत धीमी गति से काम चलने के साथ गुणवत्ता भी खराब है। इससे उपभोक्ताओं को जर्जर केबलों के फाल्ट से निजात नहीं मिल रही है। बिजली व्यवस्था संभालने में विभागीय कर्मचारियों के भी पसीने छूट रहे।
जनपद में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए रिवैंप्ड योजना के तहत 145 करोड़ रुपये से काम प्रस्तावित है। इसमें शहर में 49.80 करोड़ रुपये से काम होना है। योजना का उद्देश्य बिजली चोरी रोकने के साथ फीडरों की ओवरलोडिंग कम करना है। फर्म को काम करते जनवरी से अब तक आठ माह हो चुके हैं, लेकिन काम की रफ्तार नहीं बढ़ सकी। इससे शहर की पाॅश कालोनी आवास विकास के अलावा मोहल्ला मनिहारी, सधवाड़ा, खतराना, खटकपुरा, फतेहगढ़ फीडर के मोहल्ला बनखड़िया, ग्रानगंज, नवदिया, भूसामंडी, जाफरी, हाथीखाना आदि मोहल्लों में जर्जर केबल फाल्ट के झटके दे रहे हैं। इससे पूरी गर्मी के सीजन में उपभोक्ताओं को पसीना बहाना पड़ा, अभी तक निजात नहीं मिली है। अब फर्म के काम पर नजर डालें तो शहर में मात्र 27 किमी ही बंच केबल बदला गया। लापरवाही का आलम यह है कि आईटीआई चौराहे के निकट सांसद के घर के सामने पड़ा बंच केबल झूल रहा है। करीब सभी स्थानों पर डाली गई बंच केबल कसी न जाने से लटक रही है।
जहां जरूरत, वहां नहीं होता काम
रिवैंप्ड योजना आने से लोगों को उम्मीद थी कि इस बार गर्मी में निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी। लेकिन यह अरमान पसीने में बह गए। अवर अभियंताओं का कहना है कि फर्म अपने ढंग से काम कर रही है। जहां जर्जर केबल बदलने की सर्वाधिक जरूरत है, वहां कहने के बावजूद काम नहीं हो रहा है।
काम की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
विभागीय अवर अभियंताओं ने बताया कि फर्म के ठेकेदारों ने जिन मोहल्लों में खंभे लगाए। उन खंभों पर लगने वाले क्लेंप, क्रास आर्म, कनेक्शन/ डिस्ट्रीब्यूशन बाक्स की गुणवत्ता काफी खराब है। कई बार तो लगाने के दौरान ही टूट रहे हैं। थ्री फेस की जगह सिंगल फेस बाक्स लगाए जा रहे। केबल डालने में सर्किट न बढ़ाये जाने से नये कनेक्शन जोड़ना मुश्किल हो रहा है। जहां काम आसानी से हो जाता, वहीं काम हो रहा है। मानक के अनुसार खंभों की ग्राउंटिंग पांच फिट होनी चाहिए, जबकि दो से तीन फिट ही की जा रही है। कमजोर उपकरणों की बात तो ठेकेदार भी बता रहे हैं।
कराई जाएगी जांच
नोडल अधिकारी अधिशासी अभियंता ग्रामीण सुरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि काम की गुणवत्ता खराब होने की जांच कराई जाएगी। मानक के अनुरूप काम न मिलने पर भुगतान रोकने व कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।