
ICMR
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जापानी इंसेफेलाइटिस के टीके का असर वैज्ञानिकों की सोच से भी ज्यादा मिला है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि जब टीके को विकसित किया गया, उस दौरान इसका असर करीब 86% रहा लेकिन जब अध्ययन किया तो यह 89% तक असरदार मिला है।
आईसीएमआर के अनुसार, साल 2018 से 2020 के बीच 1-15 साल तक के 100 से भी ज्यादा बच्चों पर अध्ययन हुआ। इस दौरान दो अहम तथ्य सामने आए। इनमें पहला यह कि प्रभावित क्षेत्रों में 90% तक बच्चों का टीकाकरण हुआ है जो बड़ी सफलता है। इन बच्चों में टीका का असर 89.5 फीसदी तक मिला है।
जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन आईसीएमआर के अलग अलग संस्थानों ने मिलकर पूरा किया है। अध्ययन मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों के बच्चों पर किया गया। दरअसल जापानी इंसेफेलाइटिस एक मच्छर जनित फ्लेवीवायरस है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके चपेट में आए मरीज के मस्तिष्क में सूजन आ जाती है जिससे रोगी की मौत का जोखिम बढ़ जाता है।