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– फोटो : अमर उजाला
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प्रधानमंत्री आवास हो या फिर अमेरिकन एंबेसी। हुड़दंगियों को दबोचने लिए स्ट्राइकिंग रिजर्व टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों को इसलिए विशेष रूप से बनाया गया है कि मौके पर सुरक्षा व ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को किसी भी परिस्थिति में अपना पाइंट नहीं छोडऩे के सख्त आदेश दिए गए हैं।
जी-20 सम्मेलन की सुरक्षा में लगी एजेंसियों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास, शांतिपथ, अमेरिका व चीन समेत कुछ एंबेसियों के इलाके को एक जोन बनाया गया है। इस जोन में पांच स्ट्राइकिंग रिजर्व टीमें तैनात की गई हैं। इन पांच टीमों में कुल 80 पुलिसकर्मी हैं।
ये दंगा निरोधक उपकरण व आधुनिक हथियारों से लैस हैं। पूरी नई दिल्ली जिले में 10 जोन बनाए गए हैं। इसके अलावा आईटीओ, एयरपोर्ट, राजघाट व पूसा को अलग-अलग जोन बनाया गया है। इन जोन में तैनात रिजर्व टीमें किसी भी तरह से शांति भंग करने वाले को तुरंत पकड़ लेगी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जी-20 सम्मेलन की सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी जिस पाइंट पर तैनात है वह उसी पाइंट पर रहेगा। किसी भी पुलिसकर्मी को अपना ड्यूटी पााइंट नहीं छोडऩे की सख्त हिदायतें दी गई हैं। ऐसें पुलिसकर्मी के ड्यूटी पाइंट से कुछ दूरी पर कुछ हो रहा होगा तो वह ड्यूटी पाइंट को नहीं छोड़ेगा। फरवरी, 2020 में आए अमेरिका के राष्ट्रपति के दौरे के दौरान कुछ लोगों ने हुडदंग किया था और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हो गए थे