G-20 Summit: Guests will visit Humayun's Tomb and Qutub Minar

हुमायूं का मकबरा
– फोटो : अमर उजाला

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जी-20 सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमान देश की धरोहरों से भी रूबरू होंगे। विदेशी मेहमानों ने हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार व सफदरजंग मकबरा घूमने की इच्छा जताई है। इन स्मारकों के साथ ही लालकिला, पुराना किला समेत अन्य धरोहरों में भी सुरक्षा से लेकर साज-सज्जा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) दिल्ली सर्किल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उन्हें यूनाइटेड किंगडम (यूके) के अलावा दो अन्य देशों के दूतावासों से पत्र मिले हैं। इसमें उन्होंने हुमायूं का मकबरा देखने को पहली पसंद बताया है। विश्व सांस्कृतिक धरोहर मुगल वास्तुकला का खूबसूरत नमूना हुमायूं का मकबरा में आने वाले विदेशी मेहमानों को घुमाने के लिए एएसआई के अधिकारी को तैनात किया गया है। यह अधिकारी विदेशी मेहमानों को रोचक जानकारी देंगे। बता दें हुमायूं का मकबरा 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। 

ताजमहल से पहले निर्मित इस मकबरे में मुगल परिवार के 100 के करीब लोगों की कब्रें हैं। सफदरजंग मकबरे का निर्माण 1753-54 में नवाब शुजाउद्दौला ने पिता मिर्जा मुकीम अबुल मंसूर खान (जिनकी उपाधि सफदरजंग थी) की स्मृति में करवाया था। इसमें सफदरजंग व बेगम की कब्रें बनी हुई हैं।

रात में लाइटिंग करेगी आकर्षित

धरोहरों में पेयजल से लेकर जन सुविधा के इंतजाम किए गए हैं। मेहमानों को धरोहर से जुड़ी कहानियां बताई जाएंगी। रात को मेहमानों को आकर्षित करने के लिए स्मारकों में लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। ये मेहमानों को खूब आकर्षित करेगी।

पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे स्मारक स्थल

सम्मेलन के दौरान सभी प्रमुख स्मारक स्थल आम पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे। सभी को प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान अगर कोई विदेशी मेहमानों का दल स्मारक में घूमने आता है तो पर्यटकों का प्रवेश उस समय बंद कर दिया जाएगा। एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया जो पर्यटक इस दौरान पहले से अंदर होंगे उन्हें बाहर नहीं किया जाएगा। हालांकि, जिस जगह विदेशी मेहमान भ्रमण कर रहे होंगे, उस  समय पर्यटकों के वहां जाने की पाबंदी होगी।

कुतुब मीनार व हुमायूं का मकबरा घूमने के लिए विदेशी मेहमानों ने इच्छा जताई है। यूके सहित कई दूतावास से पत्र प्राप्त हुए हैं। एएसआई विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्मारकों में विशेष व्यवस्था की गई है। 

-प्रवीण सिंह, दिल्ली सर्कल चीफ व सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट, एएसआई 



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