फर्रुखाबाद। चार गांव में सैकड़ों बीघा की भूमि की वरासत करने के मामले में नायब तहसीलदार पर 10 लाख रुपये लेकर बैकडेट में आदेश करने का आरोप लगाया गया है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से की गई है।
कायमगंज क्षेत्र के गांव लालबाग निवासी सद्दाम खान ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में कहा कि स्व.मोहम्मद असलम खां की पत्नी रेखा असलम खां ने चार गांव में भूमि की वरासत अपने नाम दर्ज करने के लिए नायब तहसील न्यायालय में चार वाद दायर किए थे। इसकी दो सितंबर को सुनवाई की तिथि लगी थी।
महीने का प्रथम शनिवार होने से तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में नायब तहसीलदार 2:20 बजे तक मौजूद रहे। इसके बाद बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण करने निकल गए। सुनवाई के लिए उन्होंने नायब तहसीलदार को फोन किया तो संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कहा कि सोमवार को वह न्यायालय में सुनवाई कर लेंगे। इंतजार के बाद शाम करीब 6 बजे वह वापस चले गए। चार सितंबर को नायब तहसीलदार निर्वाचन कार्यालय में कंप्यूटर पर बोल-बोेलकर आदेश टाइप करा रहे थे। इसका विरोध करने पर भी सुनवाई नहीं की गई। विपक्षी पहले ही कह चुका था कि उनकी 10 लाख रुपये में बात हो गई, इससे उसी के पक्ष में फैसला होगा।
आखिरकार नायब तहसीलदार ने मनमाने तरीके से चार सितंबर को स्थानांतरण पर कार्यमुक्त होने से पहले ही वरासत का बैकडेट में दो सितंबर का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद चार्ज छोड़ दिया। नायब तहसीलदार से हुई बातचीत व पूरे प्रकरण का वीडियो भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वरासत की हकदार रेखा असलम खां हैं। उनके एक पुत्री गुलशन खां है। सद्दाम खां ने पिछली तिथि में दर्ज वरासत निरस्त कर नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी ओर नायब तहसीलदार सनी कनौजिया ने बताया कि न्यायालय में सुनवाई की तिथि दो सितंबर पहले से तय थी। उसी तिथि में आदेश किया गया है। आदेश की पत्रावली पर कुछ छूटे हुए हस्ताक्षर उन्होंने बाद में कर दिए थे। जिस महिला को किसी ने देखा तक नहीं है, उसके नाम वरासत दर्ज कराने का दबाव बनाया जा रहा था। सांठगांठ व रुपये लेने का आरोप निराधार है। शिकायतकर्ता एडीएम से भी मिला था। इससे एडीएम ने उनसे पूछताछ करने के बाद शिकायतकर्ता को दोबारा अपील करने की सलाह दी है। जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत आने पर उसका निस्तारण किया जाएगा।