अमृतपुर। गंगा में आई बाढ़ से क्षेत्र की 30 सड़कें बह गईं। तहसीलदार कर्मवीर सिंह ने इसकी सर्वे रिपोर्ट मंगवाकर डीएम को भेज दी है। उन्होंने पीडब्ल्यूड़ी को जनहित में इन सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराने के आदेश दिए हैं।

बाढ़ के चलते गंगा ने तहसील क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई थी। पानी की तेज धार में 30 सड़कें बह गईं। तहसीलदार की रिपोर्ट में गांव पट्टी दारापुर, निविया, चाचूपुर, भरखा, बदनपुर, दौलतपुर चकई, इमादपुर सोमवंशी, राजेपुर, हमीरपुर सोमवंशी, बरुआ, खंडौली ,आंतर, अर्जुनपुर, गोटिया पश्चिमी, कुड़री , माखन नगला, कालिका नगला, भुड़िया भेड़ा, बमियारी, बहादुरपुर, फखरपुर, करनपुर घाट, अंबरपुर, रोशन नगला, किराचन, सुंदरपुर, सिया, डाड़ीपुर की सड़कें कटना पाया गया है। उन्होंने ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए इसकी रिपोर्ट डीएम को भेज दी है। तहसीलदार ने पीडब्ल्यूडी से शीघ्र स़ड़कों की मरम्मत कराने के आदेश दिए हैं।

स्वास्थ्य टीमें नदारद, झोलाछाप के सहारे इलाज

बाढ़ कम होने के बाद बीमारी फैलने लगी है। इसके बावजूद जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग नहीं चेता है। गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, सुंदरपुर, कछुआ गाढ़ा, नगला दुर्गु, सवितापुर, भुड़रा, सवासी आदि गांव में अभी तक स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची। ग्रामीणों ने फोन पर सीएमओ को भी टीमें भेजने की मांग की, मगर सुनवाई नहीं हुई। यही नहीं डीएम ने हरसिंहपुर कायस्थ में स्वास्थ्य टीम भेजने के आदेश दिए थे। उसका भी पालन नहीं किया गया। एसडीएम रवींद्र सिंह ने सीएचसी प्रभारी डॉ. आरिफ सिद्दीकी से हरसिंहपुर कायस्थ में टीम न भेजने का कारण पूछा है।

बाढ़ राहत किट वितरण में धांधली की जांच के लिए सांसद ने लिखा पत्र

अमृतपुर। बाढ़ राहत न दिए जाने की शिकायत अब सासंद मुकेश राजपूत के पास भी पहुंच गई है। सांसद ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर जांच कराकर कार्रवाई के लिए लिखा है। तहसील क्षेत्र के गांव नगला केवल में 28 अगस्त को लेखपाल ने पूर्व प्रधान से मिलकर राशन वितरण किया था। इसमें 50 से अधिक ग्रामीणों को राशन नहीं दिया गया। इसकी एसडीएम व तहसीलदार से शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने सांसद को दुखड़ा सुनाया। सांसद ने डीएम को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया।



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