*शहीद को दी गई श्रद्धांजलि*
कलीनगर- एसएसबी के जवान का शव घर पहुंचने पर जवान को सम्मानजनक श्रृ*शहीद को दी गई श्रद्धांजलि*
कलीनगर- एसएसबी के जवान का शव घर पहुंचने पर जवान को सम्मानजनक श्रृद्धांजलि दी गई जहां सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
तहसील क्षेत्र के ग्राम धुरिया पलिया निवासी अजीत सिंह एक किसान हैं। इनकी पत्नी जसपाल कौर एक गृहिणी हैं। अजीत सिंह का बेटा मंतेज सिंह 2005 में अर्धसैनिक बल एसएसबी भर्ती हुआ। गर्व करते हुए माता पिता ने अपने पुत्र मंतेज सिंह को देश की सेवा करने के लिए भेजा। उसका विवाह मंजीत कौर के साथ हुआ। जिनकी दो संतान एक लेटी और एक बेटा हुआ। 13 वर्षीय लड़की नूरप्रीत कौर तथा 8 वर्षीय लड़का अभिजीत सिंह है। जो पूरनपुर के सेंट जोसेफ स्कूल के नूरप्रीत कौर कक्षा आठ एवं अभिजीत कक्षा तीन का छात्र हैं। मंतेज सिंह का खुशी परिवार था। वर्तमान में वह अरुणाचल प्रदेश में एसएसबी की 73वीं बटालियन में हबलदार यानी हेड कांस्टेबल पद पर तैनात था। वह एक गंभीर बीमारी से ग्रसित था। बीमारी के चलते गुरुवार को अचानक उसका देहांत हो गया। अरुणाचल प्रदेश से देहांत की सूचना घर पहुंचने पर परिवार की विष घुल गया। परिवार में मंतेज सिंह की मृत्यु की सूचना मिलने पर माता पिता के पैर तले जमीन खिसक गई और पत्नी के होश उड़ गए। नूरप्रीत कौर और अभिजीत सिंह मासुम बच्चों की दुनिया उजड़ गई। बच्चों की खुशियां छिन गई। खिलखिलाते परिवार में कब आग लग गई पता ही नहीं चला ? गुरुवार को मृत जवान शहीद का शव रविवार को सुबह एसएसबी के जवानों के साथ पुलिस की सुरक्षा में गांव पहुंचा। शव घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिवार में चीख-पुकार होने लगी। देश की सरहद पर तैनात रहकर राष्ट्र की रक्षा करने वाले जवान का शव गांव पहुंचने पर आसपास के गांव के तथा क्षेत्रीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। एसएसबी जवान के घर पहुंचकर सीमा जागरण मंच के जिला सहसंयोजक रविन्द्र कुमार नन्द ने श्रृद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 49वीं बटालियन के उप कमांडेंट हरवंश सिंह, क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह, कलीनगर तहसीलदार हेमराज बोनाल, थानाध्यक्ष अचल कुमार ने पुष्प भेंट कर श्रद्धांजलि दी। जवान के सम्मान में कानून गो विजेन्द्र राणा, क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीप यादव, रमनगरा चौकी प्रभारी राजेश कुमार, भूतपूर्व सैनिक साधुसिह, रंजीत सिंह मानवाधिकार आयोग सेवा ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष प्रेमपाल महाराज, तहसील अध्यक्ष धर्मेन्द्र पाल सहित सैकड़ों रिश्तेदार, क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे। शहीद जवान मंतेज सिंह के शव को सलामी देकर दफनाया गया।
तहसील क्षेत्र के ग्राम धुरिया पलिया निवासी अजीत सिंह एक किसान हैं। इनकी पत्नी जसपाल कौर एक गृहिणी हैं। अजीत सिंह का बेटा मंतेज सिंह 2005 में अर्धसैनिक बल एसएसबी भर्ती हुआ। गर्व करते हुए माता पिता ने अपने पुत्र मंतेज सिंह को देश की सेवा करने के लिए भेजा। उसका विवाह मंजीत कौर के साथ हुआ। जिनकी दो संतान एक लेटी और एक बेटा हुआ। 13 वर्षीय लड़की नूरप्रीत कौर तथा 8 वर्षीय लड़का अभिजीत सिंह है। जो पूरनपुर के सेंट जोसेफ स्कूल के नूरप्रीत कौर कक्षा आठ एवं अभिजीत कक्षा तीन का छात्र हैं। मंतेज सिंह का खुशी परिवार था। वर्तमान में वह अरुणाचल प्रदेश में एसएसबी की 73वीं बटालियन में हबलदार यानी हेड कांस्टेबल पद पर तैनात था। वह एक गंभीर बीमारी से ग्रसित था। बीमारी के चलते गुरुवार को अचानक उसका देहांत हो गया। अरुणाचल प्रदेश से देहांत की सूचना घर पहुंचने पर परिवार की विष घुल गया। परिवार में मंतेज सिंह की मृत्यु की सूचना मिलने पर माता पिता के पैर तले जमीन खिसक गई और पत्नी के होश उड़ गए। नूरप्रीत कौर और अभिजीत सिंह मासुम बच्चों की दुनिया उजड़ गई। बच्चों की खुशियां छिन गई। खिलखिलाते परिवार में कब आग लग गई पता ही नहीं चला ? गुरुवार को मृत जवान शहीद का शव रविवार को सुबह एसएसबी के जवानों के साथ पुलिस की सुरक्षा में गांव पहुंचा। शव घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिवार में चीख-पुकार होने लगी। देश की सरहद पर तैनात रहकर राष्ट्र की रक्षा करने वाले जवान का शव गांव पहुंचने पर आसपास के गांव के तथा क्षेत्रीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। एसएसबी जवान के घर पहुंचकर सीमा जागरण मंच के जिला सहसंयोजक रविन्द्र कुमार नन्द ने श्रृद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 49वीं बटालियन के उप कमांडेंट हरवंश सिंह, क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह, कलीनगर तहसीलदार हेमराज बोनाल, थानाध्यक्ष अचल कुमार ने पुष्प भेंट कर श्रद्धांजलि दी। जवान के सम्मान में कानून गो विजेन्द्र राणा, क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीप यादव, रमनगरा चौकी प्रभारी राजेश कुमार, भूतपूर्व सैनिक साधुसिह, रंजीत सिंह मानवाधिकार आयोग सेवा ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष प्रेमपाल महाराज, तहसील अध्यक्ष धर्मेन्द्र पाल सहित सैकड़ों रिश्तेदार, क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे। शहीद जवान मंतेज सिंह के शव को सलामी देकर दफनाया गया।
*पिता का गया प्यार मां हुई लाचर*
एसएसबी जवान की मृत्यु होने से मासूम बच्चे से पिता का प्यार छिन गया। बच्चों के सिर से वाप का साया उठ गया है। दोनों नाबालिग बच्चे कक्षा आठ एवं तीन में पढ़ रहे हैं। बच्चों के लिए माता पिता की जिम्मेदारी मां मंजीत कौर ही करेगी जो अब विवस और लाचार हो गई है।
जवान के सम्मान में नहीं पहुंचा को जनप्रतिनिधि
समृद्ध भारत का कारण सुरक्षित सीमाएं हैं जिनकी बागडोर सैनिकों के साथ में है। सैनिकों के शहीद होने पर नेताओं को सुख में शामिल होने की छोड़ो दुःख में सम्मिलित होने का समय नहीं है। जनपद में भाजपा के चार विधायक हैं। जनपद पीलीभीत में सांसद भी भाजपा से हैं। जो आजकल लोकसभा चुनाव के चलते डेरा जमाए हुए हैं। यहां तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख भी भाजपा से हैं। लेकिन इसमें किसी को भी शहीद जवान के घर जाने और श्रद्धांजलि देने का समय नहीं है जो भीड़ में चर्चा का विषय बना हुआ था।
रिपोर्ट सी एन यादव