फर्रुखाबाद। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के रक्षाबंधन उत्सव में मुख्र्य वक्ता क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथलेश ने कहा कि सनातन धर्म के उत्सव संस्कारों की प्रेरणा देते हैं। संघ जिन छह त्योहारों को उत्सव के रूप में मनाता है, उसमें संस्कारों की झलक दिखती है। बहनों ने भाइयों की कलाई में राखी भी बांधी।

शहर के बढ़पुर स्थित क्रिश्चियन इंटर कालेज के सामने एक मैरिज लॉन में आरएसएस ने रविवार शाम रक्षाबंधन उत्सव का आयोजन किया। मुख्य वक्ता मिथलेश ने कहा कि हर त्योहार कुछ न कुछ शिक्षा देता है। संघ रक्षाबंधन, विजय दशमी, गुरुपूर्णिमा समेत छह त्योहारों को उत्सव के रूप में मनाता है। कहा कि ऐसी कोई त्योहार नहीं है, तो संस्कार की शिक्षा न देता है। हमें एकजुटता के साथ त्योहारों को मनाने की जरूरत है। इससे हर समाज में अच्छा संदेश जाता है। दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ब्रह्मचारी ईश्वरदास ने कहा कि रक्षाबंधन पवित्र पर्व है। आज के दिन प्रेम की सच्ची अनुभूति लेकर कंधे से कंधा मिलाकर वास्तविक बंधुता का भाव लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। हम प्रेम के बल पर भाईचारे के साथ समाज और देश को विश्वगुरु बनने तक ले जाएंगे। घरों से राखी लेकर आई बहनों ने भाइयों के गले में राखी बांधी। भाइयों ने हर बहन के मान सम्मान की सामूहिक शपथ ली।

कंपिल के जैन श्वेतांबर मंदिर के महामंत्री पुखराज डागा, भंते नागसेन, गुरुविंदर सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर जिला कार्यवाह विजय अवस्थी, जिला संघ चालक सुबोध वर्मा, जिला प्रचारक प्रवीन, ऋषिदत्त शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित समेत गायत्री परिवार के आलोक दीक्षित समेत कई सामाजिक, धार्मिक संगठन मौजूद रहे।



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