फर्रुखाबाद। वकील से मारपीट कर चोटी काटने में वांछित सिपाही को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। पांच वर्ष पहले फतेहगढ़ कोतवाली में वकील से मारपीट, लूट व चोटी काटने के मामले में एंटी डकैती कोर्ट में परिवाद दर्ज हुआ था। तभी से सिपाही वांछित चल रहा था।

फतेहगढ़ कोतवाली के क्षेत्र के नेकपुर कला निवासी वकील शैलेंद्र कुमार शर्मा ने 21 जुलाई 2018 को एंटी डकैती कोर्ट में तत्कालीन कर्नलगंज चौकी इंचार्ज अनिल भदौरिया (वर्तमान में जालौन पीटीसी में शिक्षक), फतेहगढ़ पुलिस लाइन में तैनात सिपाही सुरेंद्र सिंह,(निवासी जनपद झांसी थाना सकराव ग्राम सिलगवां), मेरापुर थाने में तैनात सिपाही नवनीत यादव, फतेहगढ़ कोतवाली के तत्कालीन एसएसआई दीपक कुमार (वर्तमान में इंस्पेक्टर जनपद इटावा) के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था।

इसमें आरोप लगाया कि 18 जनवरी 2018 को साथी शैलेंद्र सिंह, अमित तिवारी के साथ कर्नलगंज चौकी पर सूचना देने गया था। उसी दौरान अनिल भदौरिया ने गाली-गलौज कर जानलेवा हमला कर दिया। कोतवाली लाकर उसके साथ मारपीट कर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए उसकी चोटी काट ली। दो हजार रुपये व सोने की अंगूठी लूट ली। रात भर हवालात में बंद करके मारपीट की।

कोर्ट ने अनिल भदौरिया सहित सभी लोगों को तलब किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर दीपक कुमार व नवनीत की फाइल अलग कर दी गई। अनिल भदौरिया व सिपाही सुरेंद्र सिंह के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के आदेश दिए थे। 15 जुलाई को दरोगा अनिल भदौरिया ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था। उनको जेल भेज दिया गया था। अब वह जमानत पर छूट चुके हैं।

सिपाही की गिरफ्तारी नहीं करने पर कोर्ट ने फतेहगढ़ कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। गुरुवार को पुलिस ने सिपाही सुरेंद्र को चाय की दुकान से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।



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