Delhi Congress: An attempt to woo the Sikhs by giving command to Lovely

अरविंदर सिंह लवली
– फोटो : अमर उजाला

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अरविंदर सिंह लवली को प्रदेश कांग्रेस की कमान देकर आलाकमान ने एक तीर में कई निशाना साधने की कोशिश की है। लवली के सहारे दिल्ली के साथ कांग्रेस की नजर पंजाब के सिख समुदाय पर भी है। वहीं, दिल्ली में लवली के अनुभव का फायदा कांग्रेस को मिलेगा। साथ ही गुटबाजी भी खत्म हो सकती है। हालांकि, 2017 में कुछ वक्त के लिए भाजपा में जाना कांग्रेस को मजबूत करने की इनकी कोशिशों में मुश्किल भी पैदा कर सकता है।

84 के सिख विरोधी दंगों का दाग लगने के बावजूद कांग्रेस की दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी सिख समुदाय में अच्छी खासी पैठ थी। वह दिल्ली के सिख बहुल इलाकों में लोकसभा, विधानसभा व एमसीडी चुनाव में जीतती रही थी। मगर आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद पार्टी लगातार कमजोर होती गई।

कांग्रेस आलाकमान ने इन सभी प्रकरण को देखते हुए सिख समुदाय को साधने के लिए अरविंदर सिंह लवली पर दावं लगाया है। वह पूर्वी दिल्ली इलाके से आते है और पूर्वी दिल्ली में भी अच्छी खासी तादाद में सिख समुदाय के लोग रहते है।

अरविंदर का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही अरविंदर सामाजिक कार्यों में सक्रीय रहते थे। पढ़ाई के दौरान अरविंदर कॉलेज के छात्रसंघ के लिए चुने गए। वह विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से शामिल थे। अरविंदर दिल्ली स्थित भीमराव अंबेडकर कॉलेज के अध्यक्ष भी बने।

पढ़ाई के दौरान ही राजनीतिक गतिविधियों में अरविंदर की गहरी दिलचस्पी जाग गई थी। उन्होंने 1992 से 1996 तक कांग्रेस की छात्र इकाई एएनयूआई के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में काम किया। साल 1998 में पहली बार अरविंदर गांधीनगर से विधायक चुने गए। उस समय अरविंदर दिल्ली विधानसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य थे। 

शीला सरकार में 1998 से 2013 तक वह तीन बार विधायक रहने के साथ-साथ मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान 2003 में अरविंदर को कैबिनेट में शामिल किया गया। शीला दीक्षित की कैबिनेट में शिक्षा मंत्री रहते हुए अरविंदर ने पब्लिक स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण शुरू करने की पहल की थी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली को देश का पहला ऐसा राज्य बनाने की पहल की जहां स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कराई जाती है।

पर्यटन मंत्री के रूप में उन्होंने दिल्ली को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए कुतुब महोत्सव, भक्ति महोत्सव, अनन्या महोत्सव, शरद उत्सव, उद्यान पर्यटन महोत्सव और मैंगो महोत्सव जैसे कई पहल किए। साल 2017 में दिल्ली में नगर निगम चुनाव के वक्त अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। हालांकि इसके करीब साल भर बाद ही वह भाजपा को छोड़कर वापस कांग्रेस में आ गए।



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